बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत के बाद चिड़ियाघर में बरती जा रही अतिरिक्त एहतियात, दवाओं का छिड़काव शुरू
देश में पहली बर्ड फ्लू से एक बच्चे की मौत होने के बाद बर्ड फ्लू का खतरा एक बार फिर पक्षियों पर आ गया है। ऐसे में चिडि़याघर प्रबंधन पहले की तरह ही अब भी सतर्कता बरकरार रखे हुए है। चिडि़याघर प्रबंधन को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में पहली बर्ड फ्लू से एक बच्चे की मौत होने के बाद बर्ड फ्लू का खतरा एक बार फिर पक्षियों पर आ गया है। ऐसे में चिडि़याघर प्रबंधन पहले की तरह ही अब भी सतर्कता बरकरार रखे हुए है। हालांकि, पशुपालन विभाग और अन्य एजेंसियों की ओर से अभी तक चिडि़याघर प्रबंधन को कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए। बावजूद इसके पक्षियों के बाड़े के बाहर पहले की तरह अब भी कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।
चिडि़याघर के अधिकारियों का कहना है कि एक बच्चे की मौत होने से इस बात का अभी कहना मुश्किल होगा कि कि बर्ड फ्लू का खतरा पक्षियों पर भी मंडरा रहा है। कई बार अंडे और किसी पक्षी के मांस के खाने के कारण भी बर्ड फ्लू का संक्रमण व्यक्ति के शरीर में जा सकता है। हालांकि इस पर अभी शोध किया जाना बाकी है। वहीं पक्षी बच्चे की मौत के बाद भी चिडि़याघर के पक्षियों के बाड़े के बाहर छिड़काव किया जा रहा है और सभी तरीके की सतर्कता बरकरार की जा रही है।
चिडि़याघर के निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि पशुपालन विभाग की ओर से चिडि़याघर को अभी इस मामले को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं। हालांकि आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। उससे पहले ही चिडि़याघर प्रबंधन सभी तरीके की सतर्कता बरत रहा है।