Delhi: SC के फैसले के बाद केजरीवाल सरकार को मिले कई अधिकार, बजट की रुकी योजनाओं को अब मिलेगी रफ्तार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब दिल्ली सरकार की कार्य प्रणाली बदल जाएगी वरिष्ठ अधिकारी मंत्रियों की बैठकों में भी शामिल होंगे और काम को भी गति देंगे। सरकार में नियम कानून बता कर काम रोके जाने का माहौल समाप्त होगा।

नई दिल्ली, वीके शुक्ला। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब दिल्ली सरकार की कार्य प्रणाली बदल जाएगी, वरिष्ठ अधिकारी मंत्रियों की बैठकों में भी शामिल होंगे और काम को भी गति देंगे। सरकार में नियम कानून बता कर काम रोके जाने का माहौल समाप्त होगा। रुकी योजनाओं को रफ्तार मिलेगी।
दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के रोजगार बजट में कई योजनाओं की घोषणा की थीं, उन्हें भी अब रफ्तार मिलेगी। सरकार के अनुसार अधिकारियों के अड़ंगा डालने की वजह से ऐसी कई योजनाएं आगे नहीं बढ़ पाई हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने भले ही दिल्ली सरकार को अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति का ही अधिकार दिया है।मगर इसका असर बहुत व्यापक है। इससे पूरी नौकरशाही और सरकार की पूरी व्यवस्था प्रभावित होगी, जो अधिकारी अभी तक मंत्रियों की बात तक नहीं सुनते थे अब सुनेंगे।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली सरकार में हालात ऐसे हो गए थे कि अधिकारी काम करने को तैयार नहीं थे, तमाम योजनाओं की फाइलें किन्तु परन्तु के चलते डंप पड़ी थीं, बैठकों और निर्देश के बाद भी योजनाएं लटक रही थीं, कुछ तो इसलिए भी काम नहीं करते थे कि काम करेंगे तो उन्हें हटा दिया जाएगा, उन्हें दिल्ली से बाहर भी भेजा जा सकता है। उनके अनुसार पूर्व में कुछ मामलों में ऐसा देखा जा चुका है।
पीडब्ल्यूडी के सचिव पद को लेकर रह है विवाद
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में सचिव के पद पर कुछ समय तक तैनाती नहीं होने पर मामले ने जोड़ पकड़ा था।विवाद यहां तक बढ़ गया था कि दिल्ली सरकार ने एलजी को पत्र तक लिखा था और स्वयं मुख्यमंत्री ने इस पर बयान दिया था।
पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने पीडब्ल्यूडी विभाग में नियमित सचिव की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिखा था। उन्होंने अपने पत्र में पीडब्ल्यूडी विभाग में नियमित सचिव के न होने से दिल्ली में महत्वपूर्ण ढांचागत विकास की परियाेजनाओं में लगातार हो रही देरी पर चिंता ज़ाहिर की थी और प्राथमिकता के साथ पीडब्ल्यूडी सचिव के नियुक्ति की बात कही थी।
उन्होंने बताया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केरीवाल ने 28 जनवरी 2023 को दिल्ली में 1400 किलोमीटर की प्रमुख सड़कों के पुनर्विकास की घोषणा की थी। इस परियोजना में फुटपाथों का रखरखाव, सड़कों के ब्लैकटाप का रखरखाव और मरम्मत शामिल है। उन्होंने इस याेजना काे राेक दिए जाने का आरोप लगाया था।
रोजगार बजट पर अब तेज होगा काम
रोजगार बजट के अनुसार कारोबार, उद्योग, पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजित किए जाने थे। सरकार ने विभागों के कामकाज पर नजर रखने के लिए रोजगार आडिट कराने की भी योजना बनाई थी, लेकिन सरकार 5 साल में 20 लाख रोजगार देने की अपनी घोषणा पर अमल शुरू नहीं कर पाई है।
इसके लिए रिटेल मार्केट के पुनर्विकास, शापिंग फेस्टिवल,रिटेल और फूड स्पेस योजना,फूड ट्रक पॉलिसी,क्लाउड किचन पालिसी,फूड हब को बढ़ावा,गांधीनगर ग्रैंड गारमेंट हब व नान-कंफर्मिंग अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास जैसी योजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
कुल सक्षम लोगों में 33 प्रतिशत लोगों के पास नौकरी
अभी तक फाइलें इधर-उधर घूम रही हैं। रोजगार बजट में बताया गया है कि दिल्ली की दो करोड़ से अधिक आबादी में से एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं। नौकरी लेने के लिए कुल सक्षम लोगों में 33 प्रतिशत लोगों के पास नौकरी है।
दिल्ली सरकार अगले पांच साल में इस आंकड़े को बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक लेकर जाना चाहती है। इस तरह अगले पांच साल में इसमें करीब 12 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी। मौजूदा समय में दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, जिसें 76 लाख तक लेकर जाना है। सरकार ने रोजगार पैदा करने के लिए योजनाओं का खाका तैयार किया है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक यह सब कुछ कागजों में ही दब कर रह गया था, मगर अब नौकरशाही पर आप सरकार नकेल कस सकेगी। तमाम रुकी हुई योजनाओं पर काम तेज हो सकेगा।अब दिल्ली में विकास और तेजी से हो सकेगा। सरकार अपने तरीके से काम कर सकेगी।
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