सबके चहेते अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत का खुलेगा रहस्य, दिल्ली जू में जांच के आदेश जारी
दिल्ली के चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत हो गई जिसकी वजह जानने के लिए जांच शुरू हो गई है। 17 सितंबर को शंकर ने कम खाना खाया और उसे दस्त हुई। इलाज के दौरान शाम को उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शंकर 1998 में जिम्बाब्वे से लाया गया था और चिड़ियाघर का अहम हिस्सा था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) ने बुधवार रात अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत के पीछे की असल वजह पता करने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, 17 सितंबर की सुबह शंकर ने सामान्य से कम पत्ते और घास खाए थे, हालांकि उसने फल और सब्जियां ठीक से खाई थी। थोड़ी दस्त की समस्या के बाद उसे चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक दल ने दवा दी और निगरानी में रखा लेकिन शाम करीब सात बजकर 25 मिनट पर वह अचानक शेड में गिर पड़ा।
आपात उपचार के दौरान रात आठ बजे उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि 16 सितंबर तक शंकर पूरी तरह सामान्य था और किसी तरह की बीमारी या असामान्य व्यवहार की रिपोर्ट नहीं थी।
वहीं, हाथी का पोस्टमार्टम भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली के विशेषज्ञों, स्वास्थ्य परामर्श समिति और पर्यावरण मंत्रालय के प्रतिनिधियों की टीम द्वारा किया जा रहा है। आवश्यक नमूने लेने के बाद नियमानुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शंकर, नवंबर 1998 में जिम्बाब्वे से दिल्ली लाया गया था और तब से वह दिल्ली चिड़ियाघर में परिवार का अहम हिस्सा रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन ने हाथी की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि शंकर शक्ति, ज्ञान और प्रेम का प्रतीक था। उसकी कमी न केवल चिड़ियाघर टीम बल्कि आगंतुकों और संरक्षण समुदाय को भी गहराई से खलेगी। अधिकारियों ने कहा कि वह शंकर की यादों और उसकी विरासत को संजोते हुए वन्यजीव कल्याण और संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाता रहेगा।
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