यूपी में एनकाउंटर के डर से दिल्ली में छिपे थे बदमाश, 100 से अधिक झपटमारी को अंजाम देने वाले 2 शातिर गिरफ्तार
जांच में पता चला कि दोनों ने पश्चिमी यूपी में झपटमारी एवं लूट की 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया था। अब इन्हें यूपी पुलिस से मुठभेड़ का डर सताने लगा तो दिल्ली में आकर अपराध करने लगे थे। (File Photo)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कश्मीरी गेट थाना पुलिस ने झपटमारी की सौ से अधिक वारदात में शामिल दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाशों में गाजियाबाद के लोनी के राहुल और इरफान हैं। दोनों पश्चिम उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मारे जाने के डर से दिल्ली के विभिन्न इलाकों में वारदात कर रहे थे।
डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि रविवार दोपहर को नेहा कश्मीरी गेट से अलीपुर अपने घर जा रही थी। तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने कट्टा दिखाकर उनका बैग छीन लिया। पीड़िता के बयान पर एफआइआर दर्ज कर एसआई मनीष तंवर की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर राहुल और इरफान को यमुना पार से गिरफ्तार कर लिया।
जांच में पता चला कि दोनों ने पश्चिमी यूपी में झपटमारी एवं लूट की 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया था। अब इन्हें यूपी पुलिस से मुठभेड़ का डर सताने लगा तो दिल्ली में आकर अपराध करने लगे थे। पिछले कुछ वर्षों से यूपी में एनकाउंटर बढ़ गए हैं। जिसका खौफ बदमाशों में है।
नीरज बवाना के नाम से मांगी रंगदारी, दो धरे
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बवाना इलाके में कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाशों में कारोबारी का पूर्व कर्मचारी नसीरपुर का रहने वाला दिनेश कुमार साह और मंगोलपुरी का रहने वाला किशोर है। आरोपितों ने कारोबारी से कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना के नाम से रंगदारी मांगी थी। सात दिन में 50 लाख रुपये देने को कहा था। रुपये न देने पर हत्या की धमकी लिखी चिट्ठी कारोबारी के घर भिजवाई थी।
पूछताछ में पता चला है कि कारोबार में नुकसान की भरपाई और नौकरी छोड़ने का बदला लेने के लिए दिनेश ने रंगदारी मांगने की योजना रची थी। अपने इरादों में कामयाब होता उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। डीसीपी स्पेशल सेल इंगित प्रताप सिंह ने बताया कारोबारी बहादुर सिंह रावत की शिकायत पर 21 मार्च को ख्याला थाने में रंगदारी और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। एफआइआर के तीन दिन बाद पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने स्पेशल सेल को यह केस ट्रांसफर कर दिया।
एसीपी संजय दत्त के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनुज कुमार त्यागी की टीम गठित की गई। जांच में पता चला कि 16 मार्च को पीड़ित को धमकी लिखी चिट्ठी मिली थी। जिसमें 50 लाख रुपये की मांग की गई थी। पुलिस ने कारोबारी के घर के आसपास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाली। एक फुटेज में स्कूटी सवार दो संदिग्ध नजर आए। जांच में स्कूटी दिनेश कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड मिली। इसके बाद 24 मार्च को पुलिस ने मंगोलपुरी में स्कूटी ट्रेस कर किशोर को पकड़ लिया। इससे पूछताछ के बाद मुख्य आरोपित दिनेश कुमार को पीरागढ़ी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।
रंगदारी की रकम से कारोबार में नुकसान की करना चाहते थे भरपाई
पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता बहादुर सिंह रावत की एमसीबी बनाने की फर्म है। आरोपित दिनेश कुमार पहले बहादुर सिंह के यहां पर काम करता था, लेकिन कुछ विवाद होने पर उसने करीब 10 वर्ष पहले काम छोड़ दिया था। इसके बाद वह भी एमसीबी बनाने का काम करने लगा, लेकिन उसे उसमें काफी नुकसान हो गया, बहादुर सिंह का कारोबार खूब आगे बढ़ रहा था।
ऐसे में दिनेश ने कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई के लिए गुनाह के रास्ते पर चलने की ठान ली। उसने बहादुर सिंह से रंगदारी मांगने की साजिश रची। दिनेश तीसरी कक्षा तक पढ़ा हुआ है। वह मूलरूप से बिहार प्रदेश के छपरा जिले का रहने वाला है।