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यूपी के साथ दिल्ली वालों के लिए भी खुशखबरी, हिंडन एयरपोर्ट तक पहुंचने की राह हुई आसान

मोहननगर-लोनी मार्ग से हिंडन एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 273.37 लाख रुपये से संपर्क मार्ग का निर्माण होगा। शासन से 136.68 लाख की पहली किस्त जारी कर दी गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 08:22 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 10:44 AM (IST)
यूपी के साथ दिल्ली वालों के लिए भी खुशखबरी, हिंडन एयरपोर्ट तक पहुंचने की राह हुई आसान
यूपी के साथ दिल्ली वालों के लिए भी खुशखबरी, हिंडन एयरपोर्ट तक पहुंचने की राह हुई आसान

नई दिल्ली (जेएनएन)। हिंडन एयरपोर्ट से उड़ान भरने का सपना संजोए बैठे लोगों के लिए खुशखबरी है। मोहननगर-लोनी मार्ग से हिंडन एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए 273.37 लाख रुपये से संपर्क मार्ग का निर्माण होगा। शासन से 136.68 लाख रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है।

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संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजेश प्रताप सिंह ने प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी दी है।

उन्होंने बताया है कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत मोहननगर-लोनी रोड के पांच किमी से निकलने वाले सिकंदरपुर मार्ग से प्रस्तावित हिंडन एयरपोर्ट सिविल टर्मिनल संपर्क मार्ग के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।

यहां पर बता दें कि 0.680 किमी लंबे इस संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए दो करोड़ 73 लाख 37 हजार रुपये मंजूर हो गए हैं। इसकी पहली किस्त एक करोड़ 36 लाख 68 हजार रुपये जारी दी गई है।

बता दें कि भारत सरकार की उड़ान योजना (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत हिंडन एयरबेस से नागरिक विमान का संचालन किया जाना है। योजना के तहत काम शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि इस एयरबेस से घरेलू विमान सेवा शुरू होने के बाद दिल्ली खास कर पूर्वी दिल्ली के साथ गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर समेत आसपास के कई जिले के लोगों को उड़ान सेवा में आसानी हो जाएगी। हिंडन एयरबेस से उड़ान सेवा शुरू होने पर सबसे ज्यादा फायदा पश्चिम यूपी के लोगों को होगा। उन्हें अब फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी।

रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत शामिल होने वाले हवाई अड्डों में हिंडन एयरबेस का नाम भी शामिल होने से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी।

इस समय इस एयरपोर्ट पर छोटे विमानों को स्लॉट मिलने में दिक्कत होती है। चूंकि एनसीआर में दिल्ली के अलावा फिलहाल कोई और सिविल एयरपोर्ट नहीं है, इसलिए ‘उड़ान’ स्कीम में शामिल होने की इच्छुक एयरलाइनें अड़चन महसूस कर रही हैं।


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