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    Lajpat Nagar Bomb Blast: लाजपत नगर बम विस्फोट मामले में 28 साल बाद गिरफ्तार आरोपित को मिली नियमित जमानत

    Updated: Wed, 24 Jul 2024 08:36 PM (IST)

    दिल्ली की एक अदालत ने साल 1996 में लाजपत नगर में हुए बम विस्फोट मामले में एक आरोपी को नियमित जमानत दे दी है। हालांकि अदालत ने उस पर जमानत की कई शर्तें भी लगाई हैं जिसमें यह भी शामिल है कि आरोपित अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएगा। मेहराजुद्दीन नाम के इस आरोपी को 19 फरवरी 1997 को भगोड़ा घोषित किया गया था।

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    लाजपत नगर बम विस्फोट केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने एक आरोपी को किया बरी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट ने वर्ष 1996 के लाजपत नगर बम विस्फोट मामले (Lajpat Nagar Bomb Blast) में एक आरोपित को नियमित जमानत दे दी है। आरोपी को विस्फोट की घटना के 28 साल बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे 19 फरवरी, 1997 को भगोड़ा घोषित किया गया था और नौ जुलाई, 2024 को गिरफ्तार किया गया था।

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    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने मेहराजुद्दीन भट्ट उर्फ जुबेर को जमानत दे दी। अदालत ने उस पर जमानत की कई शर्तें भी लगाई हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि आरोपित अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा।

    फरीदा डार और लतीफ अहमद को किया बरी

    पूछे जाने पर जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि फरीदा डार उर्फ बहनजी और लतीफ अहमद वाजा नामक दो सह-आरोपियों से पूछताछ में कोई भी आपत्तिजनक बात रिकॉर्ड में नहीं आई है।

    अदालत (Patiala House Court) ने सुनवाई के दौरान पाया कि आठ अप्रैल, 2010 को सह-आरोपित फरीदा डार को साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया था और सह-आरोपित लतीफ अहमद वाजा को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।

    मेहराजुद्दीन नटिपोरा का स्थायी कर्मचारी-वकील

    मेहराजुद्दीन की ओर से पेश अधिवक्ता कार्तिक वेणु ने दलील दी कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके भागने का खतरा नहीं है। अधिवक्ता ने कहा कि उनका मुवक्किल वर्ष 1989 से इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, नटिपोरा का स्थायी कर्मचारी है।

    यह भी दलील दी कि उस पर साजिश का हिस्सा होने का आरोप है। आरोपित जांच में बाधा डालने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि सभी साक्ष्य दस्तावेजी हैं। इस मामले में पहले लाजपत नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

    बाद में जांच स्पेशल सेल को सौंप दी गई। इस मामले में 17 आरोपियों में से चार को दोषी करार दिया गया, छह को बरी कर दिया गया, छह को भगोड़ा घोषित किया गया और एक आरोपी की मौत हो चुकी है।

    21 मई, 1996 को लाजपत नगर मार्केट में एक शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ था, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। जम्मू और कश्मीर इस्लामिक फ्रंट (जेकेआइएफ) ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी।

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