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    ABVP की बैठक में छात्र कल्याण, शिक्षा सुधार एवं राष्ट्र निर्माण पर हुआ गहन विचार-विमर्श

    By uday jagtap Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 04 Jun 2025 11:03 PM (IST)

    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रायपुर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जिसमें 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में कोचिंग संस् ...और पढ़ें

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    एबीवीपी ने रायपुर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की। पीटीआई

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बुधवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की जानकारी दी।

    तीन दिवसीय इस बैठक में देशभर से 478 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक की पूर्व संध्या पर भव्य प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, आदिवासी परंपराएं, देश की शौर्य गाथाएं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष, रानी अंबिका की 500वीं जयंती और संघ शताब्दी वर्ष जैसे विविध विषयों को रचनात्मक ढंग से प्रदर्शित किया गया।

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    एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी ने बताया कि बैठक में चार प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें कोचिंग संस्थानों की मनमानी और छात्रों के शोषण पर नियंत्रण के लिए नीति बनाने की मांग, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी पर चिंता, भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक स्थिति पर चर्चा तथा विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती वैचारिक अस्थिरता के समाधान पर चर्चा शामिल थी।

    अभाविप ने हाल के दिनों में भारत द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" में हमारी सेना के साहस और रणनीतिक कौशल की सराहना की तथा भारतीय सुरक्षा बलों के प्रति अपना एकजुट समर्थन व्यक्त किया। साथ ही भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवन और योगदान पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर छात्रावासों का सर्वेक्षण, पुस्तकों का प्रकाशन तथा उनकी जन्मभूमि की मिट्टी से पूजा और तीर्थयात्रा जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे।

    रानी अब्बक्का की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के संदर्भ में 25 जून से अगले दो वर्षों तक विश्वविद्यालय परिसरों में पूर्व आंदोलनकारियों और मीसा बंदियों के साथ संवाद, रैलियां और स्मरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।