नई दिल्ली [रितु राणा]। आप सभी ने एक दोहा तो सुना ही होगा 'होनहार बिरवान के होत चीकने पात' इस दोहे को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले अभिषेक वशिष्ठ ने सच साबित कर दिखाया है। उनके लिए तो यह भी कहना कम नहीं होगा कि 'हौसले बुलंद हो तो व्यक्ति के लिए मुश्किल राह भी आसान हो जाती है'। बलबीर नगर में रहने वाली 26 वर्षीय अभिषेक ने तीसरी बार में यूपीएससी की परीक्षा पास कर 274वीं रैंक हासिल की है। अभिषेक ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर अपने माता-पिता के साथ पूरे परिवार व मोहल्ले का नाम रोशन किया है।
अभिषेक ने बताया कि उन्होंने नंदनगरी स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से स्कूली शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी गीता कालोनी से बीटेक की पढ़ाई की। उनके एक प्रोफेसर भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, जिनसे प्रेरणा लेकर अभिषेक ने भी यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने 2017 में कालेज खत्म होते ही निश्चय कर लिया कि अब कोई दूसरी नौकरी नहीं करनी केवल यूपीएससी को ही लक्ष्य बनाना है। पहले वर्ष कोचिंग ली, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। उसके बाद बिना किसी कोचिंग के घर पर ही पढ़ाई की और तीसरी बार में परीक्षा में सफलता पाई।
अभिषेक ने बताया कि उन्हें आइपीएस या आइआरएस में सेवा देने का मौका मिलेगा, इससे उनके परिवार के सदस्य और दोस्त बहुत खुश हैं। अभिषेक के पिता आचार्य नरेश कुमार वशिष्ठ बताते हैं कि वह पेशे से ज्योतिष हैं, पत्नी गृहणी और बड़ी बेटी उत्तर प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनके पूरे मोहल्ले और परिवार में अभी तक किसी ने भी यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं की, आज उनके बेटे ने पूरे समाज के आगे उन्हें गर्व महसूस कराया है।
a