Delhi News: सरकारी स्कूलों के बच्चे रख सकेंगे दुनिया के टाप कंपनियों की नींव : आतिशी
बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण हमारे बच्चों के पास मार्केट के मुताबिक स्किल का न होना है। स्कूलों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व बिजनेस ब्लास्ट ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आज विश्व की टाप कंपनियों की कमान भारतीयों के हाथ में है। अगर वे इन कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चे भी कर सकते हैं। वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने शानदार इनोवेटिव आइडियाज से दुनिया की टाप कंपनियों की नींव रखेंगे। ये बातें दिल्ली विधानसभा एजुकेशन स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन व कालकाजी विधायक आतिशी ने मंगलवार को व्हाइट पेज इंटरनेशनल और यूके एशियन बिजनेस काउंसिल के सहयोग से ली मेरिडियन होटल में आयोजित 10वें व्हाइट पेज लीडरशिप कान्क्लेव में बतौर विशिष्ट अतिथि कहीं।
इस दौरान व्यापार के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले चुनिंदा बिजनेस लीडर एवं मेंटर को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। कान्क्लेव में 12 एशियाई देशों से आए 200 से ज्यादा बिजनेस लीडर एवं सीईओ मौजूद रहे। आतिशी ने कहा कि हम अखबारों में अक्सर पढ़ते हैं कि कैसे मुट्ठी भर नौकरियों में भर्ती के लिए लाखों ग्रेजुएट एवं पीएचडीधारी युवा आवेदन करते हैं।
हम कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के आकड़ों को देखें तो वर्ष 2014-2022 में करीब 22 करोड़ लोगों ने केंद्र सरकार में नौकरियों के लिए आवेदन किया था। इसमें से केवल 7.22 लाख लोगों को ही चुना गया। ये आकड़े वाकई चिंताजनक हैं और यह दिखाते हैं कि हमारा एजुकेशन सिस्टम बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ नौकरी ढूंढना सिखाता है।
बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण, हमारे बच्चों के पास मार्केट के मुताबिक स्किल का न होना है। हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किए ताकि जब बच्चे पढ़ाई पूरी करके बाहर आए तो वे नौकरी पाने के लिए लंबी कतारों में लगने की बजाय लोगों को नौकरी देने वाले बने। जब हर बच्चा अपने इनोवेटिव आइडिया को डेवलप कर दूसरों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा तो देश से बेरोजगारी की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।

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