Satyendra Jain Update News: दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी की वजह को लेकर नया ट्विस्ट, AAP नेताओं ने किया हैरान करने वाला दावा
Satyendra Jain Arrest News संजय सिंह ने कहा कि सोची-समझी रणनीति के तहत सत्येंद्र जैन के घर पर छापा डलवाया गया है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही भारत की किरकिरी को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों कठघरे में हैं।
नई दिल्ली, जागरण टीम। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकर ने विश्व स्तर पर हो रही अपनी किरकिरी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन के यहां छापा डलवाया है। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआइ भी पहले जांच कर चुकी है, कुछ नहीं मिला तो केस बंद कर दिया। अब पांच दिन से ईडी उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है, लेकिन कुछ नहीं मिलने पर अब जैन के परिवार के लोगों को प्रताड़ित करने के लिए सोमवार की सुबह उनके घर छापा डलवाया गया है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं के बयान और नफरत की राजनीति के कारण भारत आज पूरी दुनिया में अपमानित महसूस कर रहा है। पूरी दुनिया में भारत सरकार के राजदूतों को बुलाकर उनसे माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य माडल में बहुत बड़ा योगदान सत्येंद्र जैन का है। केंद्र सरकार की ओर से करवाई गई ईडी की यह कार्रवाई एक ईमानदार स्वास्थ्य मंत्री और जैन समुदाय का अपमान है।
सीबीआइ, ईडी और आइटी का छापा सत्येंद्र जैन के घर पर कई बार पड़ चुका है, लेकिन इसमें कभी कुछ हासिल नहीं हुआ है। इस बार भी ईडी को पांच दिन की जांच के बाद कुछ नहीं मिला है। मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी पलटवार किया गया है।
कार्रवाई से डर गए हैं AAP नेता: भाजपा
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सदस्य सांसद संजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेता दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से बौखलाकर बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि जैन के बाद अब उनका नंबर आने वाला है।
खुद को ईमानदार कहने वाले अरविंद केजरीवाल को ईडी को अपना काम करने देना चाहिए। उन्हें पता है कि शिक्षा में गड़बड़ी को लेकर अब परतें खुले, उससे पहले ही वह मनीष सिसोदिया के बचाव में उतर गए हैं। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि तीन से चार लाख रुपये में बनने वाले कक्षा पर 28 से 29 लाख रुपये क्यों खर्च किए गए।