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    आप नेता अनुराग ढांडा ने बिहार मतदाता सूची पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, बोले- राज्य की जनता की हुई जीत

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:34 PM (IST)

    आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने बिहार में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे बिहार की जनता की जीत बताया और कहा कि इससे ज्यादा लोग मतदाता सूची में शामिल हो सकेंगे। उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए उसकी भूमिका पर सवाल उठाए।

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    बिहार मतदाता सूची सुप्रीम कोर्ट के फैसले का 'आप' ने किया स्वागत

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने बिहार में मतदाता सूची में नाम शामिल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिहार की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण जीत बताते हुए कहा कि इससे अधिक से अधिक लोग मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया।

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    शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में ढांडा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला स्वागत योग्य है। तमाम विपक्षी दल लगातार यह मांग कर रहे थे कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया को और सुगम बनाया जाए, जिसे चुनाव आयोग लगातार नकार रहा था। हम चाहते थे कि इसका दायरा बढ़े ताकि बिहार के ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान कर सकें।

    ढांडा ने आगे कहा कि जो मांगें चुनाव आयोग ठुकरा रहा था, आज सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड भी पंजीकरण के लिए मान्य होगा और आवेदन ऑनलाइन भी लिए जा सकते हैं। यह एक सकारात्मक कदम है जिससे बिहार के अधिक से अधिक नागरिक मतदाता सूची का हिस्सा बन पाएंगे।'

    आप नेता ने इस फैसले को चुनाव आयोग के लिए एक आईना बताते हुए आरोप लगाया कि आयोग निष्पक्ष रूप से अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा, "इस फैसले ने चुनाव आयोग की भाजपा के पक्ष में भूमिका को भी उजागर कर दिया है। चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा था, लेकिन इस आदेश के बाद अब उसे ऐसा करना होगा।"

    आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को राहत देते हुए आधार कार्ड को एक वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता दी है और ऑनलाइन आवेदन जमा करने की भी अनुमति दी है। यह फैसला मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आया है।