कांग्रेस का अपना कुछ भी नहीं, भाजपा की 'B' पार्टी की तरह लड़ रही है दिल्ली का चुनाव: मनीष सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बार जंगपुरा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनकी पुरानी पटपड़गंज सीट अवध ओझा को दे दिया गया। सवाल यह भी उठ रहे थे कि पिछले चुनाव में जीत के कम अंतर के कारण सिसोदिया ने अपनी सीट बदली। हमारे संवाददाता वीके शुक्ला ने उनसे चुनाव को लेकर कई मुद्दों पर बातचीत की।

वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले तीन बार से सत्ता में बनी हुई आप इस बार चौथी बार सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, भाजपा भी अपना 27 साल का वनवास काटने के बाद आप से सत्ता छीनने के लिए पूरी जोर आजमाइश कर रही है। इस बीच, पिछले दो चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस इस बार अपना दम-खम दिखा रही है।
ऐसे में ये चुनाव आप के लिए और चुनौती बढ़ा रहा है। इन चुनौतियों से आप कैसे पार पाएगी और कैसे अपनी सत्ता बचाकर चौथी बार दिल्ली के तख्त पर काबिज होगी, इन सभी विषयों पर पूर्व उपमुख्यमंत्री व आप के बड़े नेता मनीष सिसोदिया से दैनिक जागरण के वीके शुक्ला ने विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश....
प्रश्न: आम आदमी पार्टी (आप) के लिए मौजूदा दिल्ली विधानसभा चुनाव कितना चुनौतीपूर्ण है और इस चुनौती से निपटने के लिए आपकी क्या रणनीति है?
सिसोदिया: कोई भी चुनाव आसान नहीं होता, इस बार भी हम इसे चुनौती मानकर चल रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमने पिछले दस साल में जो काम किए हैं, उसने दिल्ली के लोगों को बड़ी सहूलियत दी है। चाहे बच्चों की शिक्षा का मुद्दा हो, दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य का मुद्दा हो, फ्री बिजली-पानी या बसों में महिलाओं की मुफ्त यात्रा की बात हो, हमारे नेता अरविंद केजरीवाल ने सभी की जिंदगी आसान की है। यही वो सब चीजें हैं, जो फिर से हमें पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लाएंगी।
प्रश्न: कांग्रेस पिछले दो चुनावों के मुकाबले इस बार अधिक जोर-शोर से चुनाव लड़ रही है, यह आपके लिए चिंता की बात हो सकती है, इसे आप कैसे देखते हैं?
सिसोदिया: कांग्रेस भाजपा की बी पार्टी की तरह चुनाव लड़ रही है। उसका अपना कुछ नहीं है। वोट कटने या फर्जी वोट जुड़ने का मुद्दा हो, प्रवेश वर्मा के पैसे बांटने का मुद्दा हो, हम इन मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस इनपर बात भी नहीं कर रही है। यही नहीं, उनकी अपनी राष्ट्रीय नेता के बारे में अपशब्द बोले जाते हैं, कांग्रेस उसपर भी कुछ नहीं बोलती। ऐसे में साफ है कि दोनों मिलकर लड़ रहे हैं।
प्रश्न: यह चुनाव ऐसे माहौल में हो रहा है जब पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और आपके साथ कई प्रमुख नेता आबकारी घोटाले में जेल में रहकर आए हैं। इस माहौल में इस चुनाव में आप की चुनौती कितनी बढ़ी है?
सिसोदिया: इससे कोई चुनौती नहीं बढ़ी है, लोगों को लग रहा है कि इन्हें (भाजपा को) कानून व्यवस्था दी थी, वो इनसे नहीं संभल रहा। इन्हें डीडीए दिया था, वो इनसे नहीं संभाला जा रहा है। लोग देख रहे हैं कि जिन लोगों ने स्कूल-अस्पताल अच्छे किए, उन्हें ये लोग झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल रहे हैं और तमाम जांच एजेंसियां हमारे पीछे लगा दी गईं, लेकिन इन्हें उसमें कहीं कुछ नहीं मिला। जनता ने देखा कि किसी के पास नकदी या बैंक लाकर में कोई पैसा नहीं मिला, ऐसे में लोगों को पता है कि भाजपा ने झूठे आरोप लगाकर हमें जेल भेजा। ऐसे में इन आरोपों का चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
प्रश्न: कभी केजरीवाल के शीशमहल को लेकर भाजपा और कांग्रेस चुनाव में मुद्दा बना रही हैं, इसे लेकर क्या कहना है?
सिसोदिया: भाजपा की 22 राज्यों में सरकार हैं और कुछ राज्यों में 25-25 साल से सरकार हैं, केंद्र में भी सरकार है, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह लोग (भाजपा) यह नहीं बता पा रहे हैं कि हमने इन राज्यों में क्या काम किया और केंद्र सरकार ने क्या काम किया। यह दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के शौचालय में सुविधाओं की बात करते हैं। हंसते हुए...दिल्ली विधानसभा चुनाव में इनका मुद्दा केजरीवाल का शौचालय है। उनके पास कोई मुद्दे नहीं हैं, ये आरोप लगाकर चुनाव जीतने चाहते हैं।
प्रश्न: इस चुनाव में वोट कटने व फर्जी वोट जुड़वाने का मुद्दा भी खूब गरमा रहा है, आपकी पार्टी इसे लगातार उठा रही, आप क्या कहेंगे?
सिसोदिया: चुनाव में वोट कटवाए जा रहे हैं, फर्जी वोट जुड़वाए जा रहे हैं। जो जिंदा आदमी है, उसको यह कह दिया गया कि वह यहां नहीं रह रहा है, जबकि वह आदमी वहीं रह रहा है। इन मामलों पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए, जो चुनाव आयोग नहीं कर रहा है।
प्रश्न: तो क्या आप चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं?
सिसोदिया: कौन संतुष्ट हो सकता है। मैं यही कह रहा हूं कि इस चुनाव में चुनाव आयोग जितना कमजोर दिखाई पड़ रहा है, उतना पहले कभी नहीं दिखाई पड़ा। हम बार-बार कह रहे हैं कि प्रवेश वर्मा सामान बांट रहे हैं, जूते बांट रहे हैं, साड़ियां बांट रहे हैं, पैसे बांट रहे हैं और चुनाव आयोग कहता है कि वहां कुछ नहीं हुआ तो यह क्या है? बांटने वाला खुद कह रहा है कि मैं सामान बांट रहा हूं, पैसे बांट रहा हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है तो इससे संतुष्ट कैसे हुआ जा सकता है। चुनाव आयोग को इस मामले में सख्त एक्शन लेना चाहिए।
प्रश्न: इस चुनाव में झुग्गीवालों का विकास और पुनर्वास भी एक बड़ा मुद्दा है, आप इसे किस नजरिये से देखते हैं?
सिसोदिया: देखिए भाजपा ने झुग्गी वालों को केवल बेघर करने का काम किया है, लेकिन जब चुनाव आते हैं तो उन्हें यह झुग्गी वाले याद आते हैं और इनके नेता उनके घर में सोने चले जाते हैं। जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, यह लोग झुग्गियों को उजाड़ने भी पहुंच जाते हैं। केजरीवाल ने झुग्गियों को उजड़ने से बचाया है और वही झुग्गियों का पुनर्वास कर सकती है।
प्रश्न: झुग्गियों की तरह ही अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों का जीवनस्तर ऊपर उठाने की भी जरूरत है। इसे लेकर आपके पास क्या रोडमैप है?
सिसोदिया: अनधिकृत कालोनियों में आप सरकार ने बहुत काम किया है। यहां सड़कें बनी हैं, गलियां बनी हैं, कई जगह पानी की पाइपलाइन भी डाली गई। यहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरा है। इन कालोनियों में जो बचे हुए काम हैं, वो सरकार बनने के बाद पूरे किए जाएंगे।
प्रश्न: आपने इस बार अपनी सीट बदल दी, जबकि आप तीन बार वहां से जीते हैं? भाजपा लगातार इसे मुद्दा बना रही है कि आप पटपड़गंज सीट पर चुनाव लड़ने से डर गए?
सिसोदिया: देखिए, कोई भी काम रणनीति के तहत होता है। अवध ओझा जी ने पटपड़गंज से लड़ने की इच्छा जताई तो उन्हें वो सीट दे दी गई, मैं जंगपुरा आ गया। जंगपुरा में मेरी जीत यहां के तेज विकास की गारंटी होगी। चुनाव में एक-एक सीट का महत्व होता है, उसी के अनुरूप पार्टी रणनीति बनाती है।
प्रश्न: इस चुनाव में दिल्ली के प्रमुख मुद्दों पर बात कम हो रही है, रेवड़ियों और आरोप-प्रत्यारोप के इर्द-गिर्द ही चुनाव प्रचार घूम रहा है, दिल्ली का इससे कैसे भला होगा?
सिसोदिया: आम आदमी पार्टी शिक्षा और स्वास्थ्य की बात कर रही है, झुग्गीवालों के पुनर्वास और अनियोजित कालोनियों के विकास की बात कर रही है। इसके उलट भाजपा आरोप-प्रत्यारोप में लगी है। हम सभी लोगों को जेल भेजने के बाद भाजपा वालों ने दिल्ली के सभी काम रोकने की कोशिश की, लेकिन रोक नहीं पाए आपने देखा होगा आतिशी मंत्री बनीं, उसके बाद मुख्यमंत्री बनीं, उन्होंने तमाम स्कूलों और अन्य परियोजनाओं के उद्घाटन किए हैं।
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