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    AAP का अपने सभी राज्यसभा सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश, सोमवार को शाह पेश करेंगे दिल्ली सेवा विधेयक

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 06:29 PM (IST)

    Delhi Service Bill आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 7 और 8 अगस्त के लिए राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। यह निर्देश आप के चीफ-व्हिप राज्यसभा सुशील गुप्ता ने दिए हैं। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (7 अगस्त) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पेश करेंगे।

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    दिल्ली सेवा विधेयक सोमवार को गृह मंत्री अमित राज्य सभा में करेंगे पेश।

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 7 और 8 अगस्त के लिए राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। यह निर्देश आप के चीफ-व्हिप राज्यसभा सुशील गुप्ता ने दिए हैं। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (7 अगस्त) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

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    गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया बिल (फोटो- एएनआई)।

    इसके अलावा कांग्रेस पार्टी भी अपने राज्यसभा सांसदों को सोमवार अगस्त को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी कर चुकी है।

    लोकसभा में बिल 3 अगस्त को हुआ पास

    दिल्ली की सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा से पास हो गया। नवगठित विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया तो वहीं राजग के साथ-साथ बीजद, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका पुरजोर समर्थन किया।

    इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद मई में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश जारी किया गया था। विधेयक केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिल के खिलाफ विपक्षी दलों से लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन मांगा है।

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समर्थन में सुनाया फैसला

    अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण के अधिकार को लेकर 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया। निर्णय आते ही अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सेवा सचिव व सतर्कता सचिव के साथ ही मुख्य सचिव को हटाने की मांग रख दी।

    संवैधानिक व्यवस्थाओं के अंतर्गत काम करने वाले अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाने लगा, जिससे कि मुख्यमंत्री आवास सहित अन्य घोटालों की फाइल मंत्रियों को सौंप दी जाएं। 16 व 17 मई की मध्यरात्रि में सतर्कता सचिव कार्यालय के ताले तोड़ कर फाइलें गायब करने का प्रयास हुआ।

    अधिकारियों के साथ ही उपराज्यपाल पर भी तथ्यहीन आरोप लगाने लगे। मुख्यमंत्री व मंत्रियों के व्यवहार से अधिकारियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया। इन परिस्थितियों में राजधानी की गरिमा एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं को बनाए रखने के केंद्र सरकार को 19 मई दिल्ली सेवा संशोधन अध्यादेश लाना पड़ा।