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देशभर में सिर्फ यहां होता है ऐसा आयोजन, युवा खगोल विज्ञानी बनने का मिलता है मौका

नेहरू तारामंडल के स्काई थियेटर में 29 अगस्त को इस कार्यक्रम का आयोजन होगा। भारतवर्ष में किसी दूसरी जगह पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 04:02 PM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 04:03 PM (IST)
देशभर में सिर्फ यहां होता है ऐसा आयोजन, युवा खगोल विज्ञानी बनने का मिलता है मौका
देशभर में सिर्फ यहां होता है ऐसा आयोजन, युवा खगोल विज्ञानी बनने का मिलता है मौका

नई दिल्ली [ललित कौशिक]। खगोल विज्ञान में रुचि और थोड़ी समझ है तो आपके के लिए एक सुनहरा मौका है। जहां ब्राह्मांड से जुड़े गूढ़ रहस्यों के अनछुए सवालों के तत्परता के साथ जवाब देने होंगे। जरा सी चूक आपको प्रतियोगिता की दौड़ से बाहर कर देगी। साथ ही युवा खगोल विज्ञानी के खिताब से भी चूक जाएंगे। यह प्रतियोगिता युवा खगोल विज्ञानी खोजने की एक कवायद है।

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तैयार किए जा सकें युवा खगोल विज्ञानी

नेहरू तारामंडल के स्काई थियेटर में 29 अगस्त को इस कार्यक्रम का आयोजन होगा। भारतवर्ष में किसी दूसरी जगह पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता है। स्कूली बच्चों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि खगोल विज्ञान के प्रति उनकी रुचि बढ़े और युवा खगोल विज्ञानी तैयार किए जा सकें। जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में युवा अपना परचम लहरा सकें।

ब्राह्मांड में कई सारे रहस्य छिपे हुए हैं

दो चरणों में दिल्ली के स्कूली बच्चों के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें निजी और सरकारी स्कूल के बच्चें हिस्सा ले सकेंगे। नेहरू तारामंडल की निदेशिका डॉ. नंदीवाडा रत्नश्री ने जानकारी देते बताया कि यह प्रतियोगिता बड़ी अद्भुत और रोचक होती है। विद्यार्थियों को ऐसा माहौल दिया जाता है जैसे कि ब्राह्मांड में जाकर उन्हें ग्रहों और उपग्रहों की पहचान करनी हो। साथ ही यह प्रतियोगिता उनके युवा खगोल विज्ञानी बनने के रास्ते भी खोलती है। ब्राह्मांड में कई सारे रहस्य छिपे हुए हैं, जिसकी जानकारी जुटाने के लिए विश्वभर में अलग-अलग माध्यमों से खोज की जा रही है।

स्कूली बच्चें ही हिस्सा ले सकते हैं

उन्होंने बताया कि पहले चरण में ग्रह-उपग्रहों के विषयों पर लिखित परीक्षा होगी। दूसरे चरण में स्काई थियेटर में उनकी पहचान करनी होगी। जो इस प्रतियोगिता में जीत दर्ज कराएगा, उसे युवा खगोल विज्ञानी के खिताब से सम्मानित किया जाएगा। इसमें केवल स्कूली बच्चें ही हिस्सा ले सकते हैं, जिसके लिए हम निजी और सरकारी स्कूलों से आवेदन मांगते है। स्कूलों को इस संबंध में पहले ही सूचना प्रेषित कर दी जाती है ताकि वे विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता के लिए तैयार कर सकें। चुनिंदा विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता के लिए चयनित किया जाता है।

डॉ. नंदीवाडा का कहना था कि इस क्षेत्र को लेकर बच्चों के बीच में काफी रुचि देखने को मिल रही है। ऐसी प्रतियोगिता के आयोजित होने से उन्हें आने वाले समय में खगोल विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने में काफी मदद मिलेगी। 

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