New Motor Vehicle Act: मोटर साइकिल पर 4 साल तक के बच्चे को पहनना होगा हेलमेट
9 माह से चार साल तक के बच्चे को हेलमेट के साथ मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति को बच्चे को अपने साथ रखने के लिए अपने और बच्चे के बीच बेल्ट भी लगाकर रखनी होगी। बच्चे का हेलमेट भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार पहनना होगा।
नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली-एनसीआर में समेत समूचे देशभर के लोग अगर बच्चे के साथ दुपहिया वाहनों पर सफर करते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि मोटर साइकिल पर अब 9 माह से ऊपर की आयु के बच्चे को हेलमेट पहनना होगा। इतना ही नहीं 9 माह से चार साल तक के बच्चे को हेलमेट के साथ मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति को बच्चे को अपने साथ रखने के लिए अपने और बच्चे के बीच बेल्ट भी लगाकर रखनी होगी।
इतना ही नहीं, बच्चे का हेलमेट भी भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंड के अनुसार पहनना होगा। इसके अनुसार हेलमेट ऐसा होना चाहिए जो बच्चे के सिर पर ठीक से फिट बैठता हो। इसके अलावा जब चार साल तक की उम्र का बच्चा मोटर साइकिल पर बैठा हो तब मोटर साइकिल की गति सीमा भी 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस या उपयुक्त संस्था चालान भी कर सकती है।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 की धारा 129 को संशोधित कर दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने विभिन्न रोड सेफ्टी संगठनों के सुझावों पर मोटर वाहन अधिनियम में यह संशोधन मसौदा स्वीकार करते हुए इस बाबत संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रोड सेफ्टी आरगेनाइजेशन के उपप्रधान एसके शर्मा का कहना है कि बच्चे की सुरक्षा के लिए यह प्रविधान जरूरी हैं।
बच्चा हो सवार तो 40 किलोमीटर से ज्यादा न हो गति
इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दुपहिया वाहनों पर बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर एक ओर प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके तहत अगर किसी बाइक यानी मोटरसाइकिल पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया है कि 9 महीने से लेकर 4 साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। यही नहीं, चार साल से कम उम्र के बच्चे को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा। सेफ्टी हार्नेस की मदद से बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।