'किसान आंदोलन के समर्थन में एक भाजपा सांसद देने वाला है इस्तीफा' सामने आया Rakesh Tikait का चौंकाने वाला बयान
Rakesh Tikait गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन में शामिल राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों के धरने के समर्थन और किसानों की समस्या के मद्देनजर जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद इस्तीफा देने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भाजपा सांसद इस्तीफा देकर यूपी गेट आएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Rakesh Tikait: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के एक बयान ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर भारतीय जनता पार्टी में। राकेश टिकैत ने अपने ताजा बयान में कहा है कि जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद इस्तीफा देने वाले हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना-प्रदर्शन में शामिल राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों के धरने के समर्थन में और किसानों की समस्या के मद्देनजर जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद इस्तीफा देने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भाजपा सांसद जल्द ही इस्तीफा देकर यूपी गेट आएंगे और हमारे साथ धरना-प्रदर्शन में शिरकत करेंगे। इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर जुटे लोगों का किसान नेता राकेश टिकैत ने धन्यवाद भी किया और कहा कि धरने ने सभी को प्रोत्साहित किया है। इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा है कि सबसे बड़ी मंडी संसद है। सभी कानून यहीं बनते हैं। इसलिए प्रदर्शनकारियों को संसद ही जाना होगा।
बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का आंदोलन 100 दिन से अधिक पूरे कर चुका है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन शु्क्रवार को भी जारी है। यहां पर हजारों की संख्या में किसान धरना दे रहे हैं।
मुनिरका गांव पहुंचे जेएनयू के 25-30 वामपंथी छात्र-छात्राएं
वहीं, कृषि कानून विरोधी आंदोलन के समर्थन में बृहस्पतिवार दोपहर जेएनयू के 25-30 वामपंथी छात्र-छात्राएं अचानक मुनिरका गांव पहुंच गए। वे ढपली बजाकर पर्चे बांटते व नारे लगाते हुए लोगों को कृषि कानून विरोधी आंदोलन का समर्थन करने की अपील करने लगे जिसका गांव के लोगों व अन्य भाजपा नेताओं ने विरोध किया। भाजपा के आरके पुरम विधानसभा क्षेत्र प्रभारी आनंद सिंह, भाजपा कार्यकर्ता विकास मुद्गल आदि ने छात्रों से प्रदर्शन संबंधी पुलिस का अनुमति पत्र मांगा तो वे लोग नहीं दिखा पाए। ग्रामीण उन्हें जेएनयू के गेट तक छोड़कर आए।
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उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर नए कृषि कानूनों के समर्थन में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि इन कानूनों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसे और मजबूती देने के लिए किसानों की आमदनी बढ़ाना जरूरी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नए कृषि कानून क्रांतिकारी हैं और हर तरह से किसानों के हित में हैं। इन्हें लेकर जो भी भ्रांतियां हैं उन पर सरकार आंदोलनकारी किसानों से किसी भी समय बातचीत को तैयार है।