चार घंटे चली सर्जरी के बाद इराकी मरीज के सीने से निकला 9 किलो का ट्यूमर
रीज सलीम ने बताया कि डॉ. धीर ने अपनी टीम के साथ मिलकर मुझे नया जीवन दिया है। अगर कुछ और समय तक ट्यूमर का पता नहीं चलता है तो स्ट्रोक भी हो सकता था।

गुरुग्राम (जेएनएन)। दिल्ली से सटे गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआइ) के डॉक्टरों ने हाल ही में 41 वर्षीय इराकी मरीज धाई सलीम की गहन सर्जरी कर नौ किलोग्राम का ट्यूमर उसके सीने से निकाला। यह ट्यूमर फेफड़ों के बीच में था जो मरीज के फेफड़ों और हृदय को भी नुकसान पहुंचा रहा था। इसकी वजह से उनकी धमनियों पर दबाव पड़ रहा था। मरीज को सांस लेने में काफी मुश्किल आ रही थी। उसके सीने में भी काफी दर्द हो रहा था।
डॉ. उदगीथ धीर, निदेशक कार्डियक सर्जरी व उनकी उनकी टीम ने तमाम जटिलताओं के बीच भी इस प्रकार की दुर्लभ सर्जरी करने की चुनौती को स्वीकार किया। उसी का परिणाम है कि मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है। मरीज की स्थिति ऐसी थी कि उसे हमेशा उबकाई आती रहती थी।
मरीज की लगातार बिगड़ती हालत के बाद उसे फोर्टिस हॉस्पिटल लाया गया। चिकित्सीय परीक्षण से पता चला कि उसके हृदय के दाएं हिस्से पर दबाव बनाने वाली एक बड़ी गांठ थी जो खून की नसों को भी प्रभावित कर रही थी। जांच के बाद मरीज को सर्जरी के लिए तैयार किया गया। यह सर्जरी चार घंटे तक चली। सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज की स्थिति सामान्य हो गई और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
सर्जरी करने वाले डॉ. उदगीथ धीर ने कहा कि मरीज नौ किलोग्राम के ट्यूमर के साथ कई महीने तक संघर्ष करता रहा। वहीं मरीज सलीम ने बताया कि डॉ. धीर ने अपनी टीम के साथ मिलकर मुझे नया जीवन दिया है। अगर कुछ और समय तक ट्यूमर का पता नहीं चलता है तो स्ट्रोक भी हो सकता था।

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