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    दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में 75% स्कूलों में क्षमता से अधिक हैं विद्यार्थी, जानिए इसके लिए क्या है नियम?

    By Ritu RanaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 26 Oct 2023 06:39 PM (IST)

    दिल्ली शिक्षा निदेशालय के करीब 1068 सरकारी स्कूल हैं जिनमें जोन चार में कुल 48 स्कूल हैं। यमुना विहार स्थित स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) और राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (आरपीवीवी) को छोड़कर अन्य सभी स्कूलों में हर कक्षा के अंदर क्षमता के अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार एक कक्षा में 30 बच्चे होने चाहिए।

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    उत्तर पूर्वी जिले में शिक्षा विभाग के जोन चार के 75 प्रतिशत स्कूलों में क्षमता से अधिक विद्यार्थी

    जागरण संवाददाता, रितु राणा। यमुनापार का उत्तर पूर्वी जिला घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां के सरकारी स्कूल बच्चों की संख्या की तुलना में कम पड़ रहे हैं।

    स्कूलों की कमी के चलते इस जिले में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के जोन चार के स्कूलों में क्षमता से अधिक संख्या में विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। दिल्ली शिक्षा निदेशालय के करीब 1068 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें जोन चार में कुल 48 स्कूल हैं।

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    यमुना विहार स्थित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) और राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय (आरपीवीवी) को छोड़कर अन्य सभी स्कूलों में हर कक्षा के अंदर क्षमता के अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

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    क्या कहता है नियम ?

    एक रिपोर्ट के अनुसार 36 स्कूलों में यानी जोन के 75 प्रतिशत स्कूलों में क्षमता से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार एक कक्षा में 30 बच्चे होने चाहिए, लेकिन यहां उससे दो व तीन गुना अधिक संख्या में विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

    यहां भी विद्यार्थी अधिक

    इनके अलावा गवर्नमेंट को-एड मिडिल स्कूल जौहरीपुर, मुस्तफाबाद, गोकलपुर लोनी रोड, दयालपुर, विजय पार्क, यमुना विहार के स्कूलों में भी क्षमता से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

    उत्तर पूर्वी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नियमों को ताख पर रखकर कक्षाओं में क्षमता से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। ये बहुत चिंता का विषय है। दिल्ली सरकार को जल्द इन बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजना चाहिए जहां जगह हो और बच्चों के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध करानी चाहिए। कक्षा में अगर क्षमता से अधिक बच्चे होंगे तो शिक्षक हर बच्चे पर अच्छे से ध्यान भी नहीं दे पाएंगे। इस संबंध में उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी डाली है।

    - अधिवक्ता अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष आल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन व सलाहकार सोशल जूरिस्ट