Delhi: देशभर में 500 लोगों से ठगे करोड़ों, बीमा पालिसी रद होने का डर दिखाने वाले गिरोह का भंडाफोड़
Delhi Police मध्य जिले की साइबर सेल थाना पुलिस ने देशभर में करीब 500 से अधिक लोगों से उनकी बीमा पालिसी रद होने का डर दिखा करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मध्य जिले की साइबर सेल थाना पुलिस ने देशभर में करीब 500 से अधिक लोगों से उनकी बीमा पालिसी रद होने का डर दिखा करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें गिरोह का सरगना आकाश उर्फ दिनेश झा इसके साथी अमित कुमार राहुल कुमार, समीर उर्फ राकी और अखिलेश उर्फ मोनू शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपितों के पास से 23 मोबाइल फोन, नौ सिमकार्ड, एक कंप्यूटर, एक लैमिनेटर, 10 डेबिट कार्ड, पासबुक, 9.15 लाख रुपये बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपितों में राहुल व समीर जीजा-साले हैं। जांच में पता चला है कि आरोपित अब तक चार करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।
50 लाख का लिया था बीमा
डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि पहाड़गंज के रहने वाले जय प्रकाश ने शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित एलएनजेपी अस्पताल में मरम्मत का कार्य करते हैं। उन्होंने निजी कंपनी से 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा लिया था। लेकिन कुछ किश्तें बाकी थी।
बीमा कंपनी का बनकर पीड़ित को डराया
गत वर्ष दिसंबर में एक शख्स ने बीमा कंपनी का अधिकारी बनकर फोन किया और बीमा पालिसी रद्द होने का डर दिखाया। उसने पीड़ित की ईमेल आइडी पर कंपनी के नाम से ईमेल किया। भरोसा जीतकर पीड़ित से 1.84 लाख रुपये जमा करा लिए और एक लाख रुपये की मांग की।
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काल सेंटर चलाता है गिरोह
शक होने पर पीड़ित ने संबंधित कंपनी के काल सेंटर पर फोन किया तो सारा मामला सामने आया। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर ख्याला से अमित और राहुल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि दुर्गेश झा और विजय चौहान राजेंद्र प्लेस इलाके में काल सेंटर चलाते हैं।
पुलिस ने गिरोह के सरगना दुर्गेश, समीर और अखिलेश को भी दबोच लिया। ये लोग बीमा कंपनियों से लोगों के बारे में पूरी जानकारी लेते थे। इसमें अखिलेश फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाकर सिम कार्ड खरीदता था। फिर ठगी के रुपये बैंक खातों में जमा कराए जाते थे।
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500 लोगों से चार करोड़ की ठगी
इनके कब्जे से मिले दस्तावेजों के अनुसार, करीब 500 लोगों से चार करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। इनके शिकार उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में शामिल हैं।