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    1984 Anti Sikh Riots: 'टाइटलर से मिल रही थी जान से मारने की धमकियां, पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की'

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 08:52 PM (IST)

    1984 के सिख विरोधी दंगों में पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले के गवाह हरपाल कौर बेदी ने कोर्ट में जगदीश टाइटलर पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया। कौर ने बताया कि टाइटलर ने गुरुद्वारे के पास भीड़ को उकसाया जिसके बाद गुरुद्वारे को आग लगा दी गई और तीन सिखों की हत्या हुई। उन्होंने टाइटलर से जान से मारने की धमकी मिलने की भी बात कही।

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    गवाह हरपाल कौर बेदी ने कोर्ट में की जगदीश टाइटलर की पहचान।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में चश्मदीद गवाह हरपाल कौर बेदी का बयान दर्ज किया गया।

    हरपाल कौर ने कोर्ट में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की पहचान करते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए।  कोर्ट को बताया कि एक नवंबर 1984 को टाइटलर पुलबंगश गुरुद्वारा के पास कार में आए और भीड़ को भड़काया था।

    इसके बाद भीड़ ने गुरुद्वारे को आग लगा दी और तीन सिखों की निर्मम हत्या कर दी। हरपाल कौर के अनुसार, उनका टेलीविजन का होलसेल शोरूम गुरुद्वारे के पास था जिसे दंगाइयों ने लूट लिया।

    उन्होंने बताया कि शाम को भीड़ ने तिलकराज के घर में छिपे सिखों को बाहर निकाला, बेरहमी से काटा और लाशों को जलती टायरों पर डालकर आग के हवाले कर दिया।

    हरपाल कौर ने कहा कि उनके पति अमरजीत बेदी भी कांग्रेस नेता थे और टाइटलर अक्सर उनकी दुकान पर आते थे, इसलिए वह उन्हें अच्छी तरह पहचानती हैं।

    उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें टाइटलर की ओर से जान से मारने की धमकियां मिली थीं, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    कोर्ट में टाइटलर की आवाज के सैंपल भी चलाए गए। इससे पहले नौ जुलाई को गवाह रविंद्र सिंह चौहान का बयान दर्ज हुआ था, जबकि 16 मई को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके का क्रास एग्जामिनेशन हुआ था।

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    सीबीआई ने टाइटलर के खिलाफ 26 जुलाई 2023 को आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप है कि उन्होंने भीड़ को भड़काया और उसी के चलते पुलबंगश गुरुद्वारे में हिंसा हुई।

    वहीं, टाइटलर की ओर से पेश अधिवक्ता मनु शर्मा ने कहा कि इस मामले में वर्ष 2009 में सह-आरोपित सुरेश कुमार पानवाला के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हुआ था, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया था।

    उन्होंने कहा कि वर्ष 1984 से 2022-23 तक कोई गवाह सामने नहीं आया और अब इतने वर्षों बाद आए गवाहों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।

    इस बीच, चार अगस्त 2023 को राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी।

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