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    दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मिले 104 स्पेशलिस्ट डॉक्टर, पीडियाट्रिक और ऑर्थोपेडिक की कमी हुई दूर

    Updated: Tue, 20 May 2025 08:46 PM (IST)

    दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 104 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी की समस्या कम होने की उम्मीद है। उपराज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया। इससे पहले 232 जीडीएमओ डॉक्टरों की भी नियुक्ति हुई थी।

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    दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 104 विशेषज्ञ डाॅक्टर हुए नियुक्त।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 104 विशेषज्ञ डाॅक्टर नियुक्त किए गए हैं। एलजी से स्वीकृति मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न अस्पतालों में पोस्टिंग दे दी है। 

    छह माह पहले भी दिल्ली सरकार के अस्पतालों में जीडीएमओ (जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर) कैडर के 232 डाॅक्टरों को नियुक्त किया था।

    इस तरह कुल 336 डाॅक्टर नियुक्त हो चुके हैं। इससे अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी की समस्या कुछ कम होगी और मरीजों को राहत मिलेगी।

    भर्तियों के बावजूद स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों की कमी अभी बनी हुई है

    इन नियुक्तियों के बाद भी अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है और विशेषज्ञ डाॅक्टरों की काफी कमी बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डाॅक्टरों की कमी एक बड़ी समस्या रही है। खास तौर पर विशेषज्ञ डाॅक्टरों की ज्यादा कमी रही है।

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    हाई कोर्ट की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट में पिछले वर्ष यह बात सामने आई थी कि दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में विशेषज्ञ डाॅक्टरों के 1700 पद स्वीकृत हैं।

    स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के 818 पर पड़े थे खाली, 104 ही मिले 

    तब 882 विशेषज्ञ डाॅक्टर कार्यरत थे और 818 पद खाली पड़े थे। इसके अलावा जीडीएमओ स्तर के डाॅक्टरों के 741 स्वीकृत पद हैं, जिसमें से 189 खाली पड़े थे।

    इसके बाद पिछले वर्ष नवंबर में स्वास्थ्य विभाग ने 232 डाॅक्टरों को स्थायी तौर पर नियुक्त किया था। इसके अलावा अनुबंध पर 54 शैक्षणिक कैडर के सहायक प्रोफेसर स्तर नियुक्त किए गए थे।

    इन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की गई

    इसके बाद अब 104 विशेषज्ञ डाॅक्टर नियुक्त किए गए हैं। जिसमें मेडिसिन, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक, गायनी, ऑर्थोपेडिक व मनोचिकित्सा के विशेषज्ञ डाॅक्टर अधिक शामिल हैं।

    स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार नियुक्त डाॅक्टरों की प्रोबेशन अवधि दो वर्ष होगी। इसे सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद उन्हें नियमित किया जा सकता है।

    बताया जा रहा है कि जल्द ही अनुबंध पर अभी और डाॅक्टर नियुक्त किए जाएंगे। ताकि अस्पतालों में डाक्टरों की कमी दूर हो सके।

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