योग से निरोग रहने की अलख जगा रहीं निधि
पुष्पेंद्र कुमार पूर्वी दिल्ली राजधानी में जहरीली आबोहवा के बीच लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की अ
पुष्पेंद्र कुमार, पूर्वी दिल्ली
राजधानी में जहरीली आबोहवा के बीच लोगों के अच्छे स्वास्थ्य की अलख जलाने का बीड़ा निधि सक्सेना उठा रही हैं। शकरपुर के नित्यम योग केंद्र में योगाचार्य प्रीति कुमारी से निधि योग सीखती हैं। वे लोगों को निरोग रहने के लिए फेसबुक से लाइव प्रसारण कर योग की सलाह दे रही हैं। कोरोना के चलते फेसबुक पर उनसे जुड़े लोगों ने लॉकडाउन में घर पर रहकर योग किया।
निधि का मानना है कि योग में शारीरिक व मानसिक दोनों पक्षों पर जोर देना जरूरी है। योगासन शरीर व मन की शुद्धि के लिए जरूरी है। दिव्यांगों, बुजुर्गो, बच्चों व महिला या कमजोर वर्ग के लोग सभी के लिए योग का शारीरिक अभ्यास लाभदायक है और यह सभी को उन्नति की ओर ले जाता है। योग की मुख्य बात है कि यह मन और मस्तिष्क को स्थिर रखता है। योगासन शरीर को जहरीली आबोहवा से बचाने में मदद भी करता है। कोरोना संकट से पहले नित्यम योग केंद्र की ओर से अस्पतालों व सेवा बस्तियों आदि इलाकों में शिविर लगाकर लोगों को योग के लाभ के बारे में जागरूक किया जाता था। अब जैसे हालात सुधरेंगे वैसे ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों को फिर योग से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
दिव्यांगों के लिए भी लाभदायक है योग
दिव्यांगों को स्कंद चालन, ताड़ आसन, मंडूक आसन, बटरफ्लाई, पश्चिमोत्तासन आसन, कटिचक्कर, भुजंग आसन, भ्रामरी, कपालभांति, अनुलोम-विलोम आदि का अभ्यास कराया गया। निधि बताती हैं कि योगाभ्यास दिव्यांगों के शारीरिक और मानसिक विकास में लाभदायक है। दिव्यांगता की समस्या जन्म से होती है योग शारीरिक दुर्बलताओं को दूर करता है। इससे शरीर को निरोग बनाए रखने में भी मदद मिलती है। इसलिए अभिभावक इन योगाभ्यासों की जानकारी लेने आते हैं। अगर उनके परिवार में कोई दिव्यांग है तो वे घर पर ही योगासन करवाकर उनके शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
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