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    मेट्रो स्टेशन से 15 लाख के तांबे की केबल चोरी, दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपी

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 11:12 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन से 15 लाख रुपये की तांबे की केबल चुराने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक क्रेन ऑपरेटर और दूसरा मजदूर शामिल है। पुलिस ने चोरी की 1200 मीटर केबल बरामद कर ली है। आरोपियों ने सीसीटीवी कैमरों की समय सीमा का फायदा उठाकर चोरी की योजना बनाई थी।

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    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। उत्तरी जिला स्थित थाना सदर बाजार की टीम ने निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन साइट से 15 लाख रुपये मूल्य की तांबे की केबल चुराने के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपित साइट पर क्रेन आपरेटर तो दूसरा मजदूर के रूप में काम करता था।

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    पुलिस ने क्रेन आपरेटर रणधीर सिंह को थाना तरसिक्का, अमृतसर (पंजाब) स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया। वहीं बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला पंकज कुमार घटना स्थल पर रहकर मजदूरी कर रहा था, ताकि उस पर शक न हो। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। दोनों की निशानदेही पर चोरी की 1200 मीटर लंबी तांबे की केबल भी बरामद की।

    पुलिस के मुताबिक, रणधीर सिंह कुख्यात अपराधी है, जिस पर पंजाब के लुधियाना में हत्या और राजस्थान के उदयपुर में एटीएम मशीन की चोरी का मामला पहले से दर्ज ही

    उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि कार्यदायी एजेंसी के सुपरवाइजर बुध विहार निवासी देव सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि दो और तीन नवंबर की दरम्यानी रात किसी ने सदर थाना रोड, सदर बाजार स्थित निर्माण स्थल से लगभग 1200 मीटर तांबे की केबल चुरा ली, जिसकी कीमत लगभग 15 लख रुपये है।

    इस पर थाना सदर बाजार में पांच नवंबर को मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। लगभग 50 सीसीटीवी कैमरों को फुटेज का विश्लेषण किया गया। फुटेज में दो व्यक्ति चोरी का सामान एक ट्रक में लादकर ले जाते हुए दिखाई दिए। शिकायतकर्ता ने एक आरोपित की पहचान रणधीर सिंह के रूप में की, जो निर्माण स्थल पर क्रेन आपरेटर था।

    कंपनी से आरोपित रणधीर सिंह का मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारी निकाली गई। तकनीकी निगरानी में उसके मोबाइल फोन की लोकेशन अमृतसर, पंजाब में पाई गई, जो उसका मूल निवास था। पुलिस टीम ने अमृतसर, पंजाब में आठ नवंबर को उसके पैतृक निवास पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया।

    वहीं, पूछताछ में उसने पंकज कुमार के साथ चोरी करने की बात कबूल की। उसकी निशानदेही पर सह-आरोपी पंकज कुमार को भी दस नवंबर को निर्माण स्थल से गिरफ्तार किया गया। साथ ही भलस्वा डेरी इलाके में एक परिचित के घर छिपाकर रखे केबल को भी बरामद किया।

    देर होने पर पकड़ से बच सकता था आरोपी

    रणधीर सिंह नशे का आदी है। तीन-चार महीने से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। निर्माण साइट पर लाखों रुपये मूल्य की तांबे की केबल कुछ दिनों से ऐसी ही पड़ी थी। आरोपित को अच्छे से पता था कि साइट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग क्षमता केवल सात दिनों की है। उसे यह भी जानकारी थी कि अगले कुछ दिन केबल का काम नहीं पड़ने वाला है। इसलिए उसने पंकज कुमार को साथ मिलाया, जो रात के समय साइट में प्रवेश के लिए पास जारी करता था। दोनों ने दो नवंबर की रात को केबल चुराने का फैसला किया, क्योंकि रविवार की रात कुछ ही मजदूर मौजूद रहते हैं। दोनों ने केबल को ट्रक में लादा और भलस्वा डेयरी इलाके में एक घर पर ले गया। कमरे में केबल उतारने के बाद रणधीर अमृतसर, पंजाब स्थित अपने घर भाग गया।

    वहीं पंकज पहले की तरह साइट पर काम करने लगा। हालांकि, दो दिन बाद ही केबल की जरूरत पड़ने का चोरी का पता चल गया। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच में दोनों साइट से केबल लोड करते हुए कैद हो गए। साइट पर यही जरूरत एक सप्ताह बाद पड़ने की स्थिति में आरोपित पकड़ से बाहर हो जाते।