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    आवारा कुत्तों की सटीक गणना के लिए एमसीडी लगाएगा माइक्रोचिप, 80 वार्डों में 292 फीडिंग प्वाइंट बनाने की तैयारी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 11:38 PM (IST)

    दिल्ली नगर निगम आवारा कुत्तों की गिनती को सटीक बनाने के लिए माइक्रोचिप लगाने जा रहा है। इसके साथ ही, 80 वार्डों में 292 फीडिंग प्वाइंट भी बनाए गए हैं, जहाँ कुत्तों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। माइक्रोचिप से कुत्तों की पहचान आसान होगी और टीकाकरण जैसे कार्य सुचारू रूप से किए जा सकेंगे।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आवारा कुत्तों से होने वाली समस्या के समाधान के लिए एमसीडी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फीडिंग प्वाइंट तो बना ही रहा है। साथ ही, अब बंध्याकरण के बाद कुत्तों में माइक्रोचिप लगाने के लिए कार्य शुरू करने की तैयारी कर रहा है। एमसीडी इसके लिए दिल्ली सरकार से आर्थिक सहयोग लेकर इस कार्य को शुरू करेगी। माइक्रो चिप होने से एमसीडी के लिए सर्वाधिक लाभ बंध्याकरण का सही डाटा और आवारा कुत्तों से संबंधित जानकारी मिल पाएगी।

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    12 जोन के 80 वार्ड में 292 फीडिंग प्वाइंट

    निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हम फीडिंग प्वाइंट बना रहे हैं। इसमें आरडब्ल्यूए और स्थानीय जन प्रतिनिधि का भी सहयोग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि 12 जोन के 80 वार्ड में हमने अब तक 292 फीडिंग प्वाइंट चिह्नित कर उन्हें फीडिंग प्वाइंट घोषित करने का कार्य शुरू कर दिया है। जहां-जहां साइनेज लग रहे हैं वह फीडिंग प्वाइंट घोषित हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि निगम के पश्चिमी जोन में सर्वाधिक 60 फीडिंग प्वाइंट बनाए गए हैं।इसी तरह मध्य जोन में चार, दक्षिणी जोन में 16, शाहदरा साउथ में 40, शाहदरा नार्थ में 15, रोहिणी में 29, नरेला में 16, नजफगढ़ में 54, केशवपुरम में 29, करोल बाग में 15, सिविल लाइंस में 6 और सिटी एसपी जोन में आठ फीडिंग प्वाइंट बनाए गए हैं।

    सही संख्या की हो सकेगी गणना

    अधिकारी ने बताया कि हम दिल्ली सरकार से माइक्रोचिप लगाने के लिए फंड का अनुरोध भेज रहे हैं ताकि हम निविदा प्रक्रिया शुरू कर सके। इन माइक्रोचिप के जरिये पूरे बंध्याकरण व्यवस्था की निगरानी तो हो ही सकेगी साथ ही आवारा कुत्तों की सही संख्या क्या है इसकी गणना भी हो सकेगी।

    उन्होंने उम्मीद जाहिर की माइक्रो चिप लगाने की व्यवस्था काफी कारगर होगी, क्योंकि अभी बंध्याकरण होने पर यह पता लगाया जाना मुश्किल होता है कि कुत्तें का बंध्याकरण कहां और कब हुआ था।

    माइक्रो चिप में बंध्याकरण की तारीख, एजेंसी, स्थान समेत सभी विवरण होंगे। ऐसे में कोई घटना होती हैं यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि बंध्याकरण किस एजेंसी द्वारा कब किया गया था। साथ ही उसे रेबीज विरोधी टीका कम दिया गया था।

    स्थायी समिति से मंजूरी नहीं मिली

    उल्लेखनीय है कि एमसीडी ने हाल ही में बंध्याकरण को लेकर काम करने वाली एजेंसियों पर सख्ती करने के लिए नियम सख्त करने का प्रस्ताव किया था। हालांकि, अभी इसकी स्थायी समिति से मंजूरी नहीं मिली है। एमसीडी के प्रस्ताव के तहत आवारा कुत्तें के बंध्याकरण होने के बाद भी अगर उससे बच्चे होते हैं तो बंध्याकरण करने वाली एजेंसी पर वार्षिक भुगतान का दो प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा।

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