दिल्ली नगर निगम का बड़ा फैसला, पार्कों की देखभाल अब निजी हाथों में; अब हजारों पदों पर निकलेगी वैकेंसी
दिल्ली नगर निगम अब पार्कों के रखरखाव के लिए निजी एजेंसियों से दो साल के लिए माली नियुक्त करेगा। पहले यह नियुक्ति पांच महीने के अनुबंध पर होती थी, जिससे अनिश्चितता बनी रहती थी। स्थायी समिति के गठन के बाद यह फैसला लिया गया है। इस योजना के तहत लगभग 2,355 माली नियुक्त किए जाएंगे। वर्तमान में निगम में 67% मालियों के पद रिक्त हैं, जिससे पार्कों के रखरखाव में समस्या आ रही थी।

दिल्ली नगर निगम अब पार्कों के रखरखाव के लिए निजी एजेंसियों से दो साल के लिए माली नियुक्त करेगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के गठन के साथ ही, समिति के अभाव में बढ़ रही निगम की समस्याओं का समाधान होने लगा है। इसी कड़ी में, निगम, जो पहले निजी कंपनियों के साथ पाँच महीने के अनुबंध पर 2,300 से ज़्यादा माली रखता था, अब उन्हें दो साल के लिए नियुक्त करेगा।
इससे न केवल पार्कों के रखरखाव में सुधार होगा, बल्कि बार-बार कागजी कार्रवाई के कारण नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने में होने वाली देरी से पार्कों में व्याप्त अनिश्चितता भी दूर होगी। साथ ही, निजी कंपनियों के साथ अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों में अपनी नौकरी को लेकर बनी अनिश्चितता भी दूर होगी।
इस समस्या का समाधान करने और दो साल के लिए निजी एजेंसियों को नियुक्त करने का प्रस्ताव मंगलवार को एमसीडी सदन की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, पहले स्थायी समिति के अभाव में निगम ने ज़ोनवार अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू की थी।
अब स्थायी समिति के गठन के बाद यह काम दो साल के लिए निजी एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा। नगर निगम सदन से प्रशासनिक मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद निविदाएँ आमंत्रित की जाएँगी और काम शुरू किया जाएगा।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो साल के लिए एक निजी एजेंसी के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमानित लागत ₹143 करोड़ है। इसमें लगभग 2,355 माली, 33 ड्राइवर और तीन उद्यान तकनीकी सहायकों की नियुक्ति शामिल है।
अधिकारी ने बताया कि निगम के उद्यान विभाग ने 15,000 से अधिक पार्कों के रखरखाव के लिए 6,433 माली पदों को मंजूरी दी है, लेकिन निगम के पास केवल लगभग 2,000 माली हैं, जो रिक्तियों का लगभग 67% है। माली भी हर महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए, पार्कों के रखरखाव के लिए माली की कमी को दूर करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSB) भी माली की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में है। स्थायी व्यवस्था स्थापित होने तक, पार्कों का रखरखाव ठेका एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा। गौरतलब है कि एमसीडी 5,172.07 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले 15,226 पार्कों का रखरखाव करती है।
इनमें से लगभग 90 प्रतिशत पार्क "आवासीय क्षेत्र पार्क" के रूप में नामित हैं। एमसीडी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के साथ एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना भी चलाती है, जो पार्कों के रखरखाव के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
लगभग 292.6 एकड़ पार्क आरडब्ल्यूए के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत हैं, जबकि 414.5 एकड़ पार्कों का रखरखाव दिल्ली पार्क और गार्डन सोसाइटी योजना के तहत किया जाता है।
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