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    मिड-डे मील में गड़बड़ी मिलने से एक्शन में दिल्ली नगर निगम, NGO से मांगा जवाब

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 09:25 AM (IST)

    दिल्ली नगर निगम (MCD) ने मिड-डे मील में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद NGO से जवाब मांगा है। MCD ने पूछा है कि भोजन बनाने में स्वच्छता क्यों नहीं बरती जा रही। निरीक्षण में एक्सपायर सामान मिला। नरेला जोन, शाहदरा नार्थ और सेंट्रल जोन में अनियमितताएं पाई गईं। कुछ ब्लैकलिस्टेड एजेंसियां भी मिड-डे मील का काम कर रही हैं, जिसकी जांच की जा रही है।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में मिड-डे मील में अनिमियतता की शिकायतों को लेकर किचन चलाने वाले एनजीओं से जवाब मांगा गया है। एमसीडी ने कारण बताओ नोटिस में पूछा है कि खाना बनाने में स्वच्छता के उपाय क्यों नहीं अपनाए जा रहे हैं।

    हाल ही में एमसीडी की शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष अमित खरखड़ी ने नरेला जोन के किचन का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान नमक से लेकर अन्य वस्तुएं एक्सपायर समय-सीमा की पाई गई थी।

    एमसीडी एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नरेला जोन, शाहदरा नार्थ और सेंट्रल जोन में किचन चलाने वालों से जवाब मांगा गया है। क्योंकि नरेला जोन में शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष ने निरीक्षण किया था जबकि सेंट्रल जोन में अतिरिक्त आयुक्त और शिक्षा निदेशक ने निरीक्षण किया है।

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    सेंट्रल जोन में किचन चलाने को लेकर पेस्ट कंट्रोल का रिकार्ड नहीं मिला साथ ही कूड़ा निस्तारण के लिए अपनाई जा रही एसओपी भी उपयुक्त भी नहीं मिली। अधिकारियों के अनुसार सेंट्रल जोन के किचन में रसोई के गंदे होने से लेकर राशन रखने की वस्तुओं के आस-पास भी सफाई नहीं मिली थी।

    अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि सभी जगह पर नियमों का पालन हो। अगर, पालन नहीं होता है तो औचक निरीक्षण में कार्रवाई की जाएगी।

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    शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष ने बताया कि कुछ एजेंसी निगम का मिड-डे-मील का काम कर रही है लेकिन यह दिल्ली सरकार और निगम से ब्लैकलिस्ट हो रखीहै। ऐसे में हम इस पहलु की जांच करा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों है। उन्होंने कहा कि निगम के हर जोन के एक स्कूल प्रधानाचार्य को प्रतिदिन किचन का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी है।

    इस प्रक्रिया में तीन से चार घंटे का समय लगता है इसलिए इसे कोई पूरा नहीं करता है। उल्लेखनीय है कि एमसीडी के 1500 स्कूलों में 6.60 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में 18 किचन से 14 स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा मिड-डे मिल उपलब्ध कराया जाता है।