MCD Elections: मनीष सिसोदिया बोले- निगम की सत्ता में आने पर 5 साल में खत्म कर देंगे दिल्ली से कूड़े के पहाड़
Delhi Mcd Election 2022 दिल्ली नगर निगम को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस बार के एमसीडी चुनाव पिछले चुनाव से बिल्कुल अलग है। उन्होंने निगम को लेकर आम आदमी पार्टी की प्राथमिकताएं बताई।

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के लिए प्रचार शुक्रवार शाम खत्म हो जाएगा। एमसीडी पर कब्जा बरकरार रखने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा रखा है, तो भाजपा से एमसीडी छीनने में आम आदमी पार्टी (आप) भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस भी अपने स्तर पर लड़ाई में दिखने के लिए प्रयासरत है। इस सबके बीच सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि एमसीडी का ताज किस पार्टी के सिर सजेगा?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अब तक गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण निगम चुनाव में पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कंधे पर रही है। इस चुनाव में जनता किन मुद्दों पर मतदान करेगी? पिछले निगम चुनाव के मुकाबले इस वर्ष के चुनाव में आप का प्रदर्शन कैसा रहेगा?
विपक्षी दलों का प्रचार अभियान पार्टी के लिए कितनी मुश्किलें खड़ी कर रहा है? चुनाव जीतने पर नगर निगम के लिए आप की प्राथमिकताएं क्या होंगी? इन्हीं सब मुद्दों पर वी के शुक्ला ने आप नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से बात की...
एमसीडी के लिए आप की प्राथमिकताएं क्या हैं? निगम में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है, इसे दूर करने के लिए पार्टी का रोडमैप क्या है?
नगर निगम का मुख्य कार्य साफ-सफाई है। चुनाव जीतने पर पार्टी लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ों को हटाएगी और डलावघरों को साफ रखा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ लाकर पांच वर्ष में कूड़े के पहाड़ खत्म किए जाएंगे। बाजारों का पुनर्विकास होगा। अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
सफाईकर्मियों सहित सभी को समय पर वेतन देना पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। भ्रष्टाचार दो तरीके से होता है। एक वह, जिसमें नेता पैसा खाते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार में पैसा न खाने वाली आम आदमी पार्टी आई तो भ्रष्टाचार दूर हो गया। दूसरे तरीके का भ्रष्टाचार वह होता है, जब नीचे वाला पैसे खाता है। जब पैसे न खाने वाले नेता आ जाएंगे तो आधे नीचे वाले तो वैसे ही पैसा लेना बंद कर देंगे। जो बचेंगे, उन्हें हम ठीक कर देंगे।
दिल्ली में पार्क भी बदहाल हैं। पार्किंग की भी समस्या है। अतिक्रमण और अवैध निर्माण भी बड़ी परेशानी है। इन्हें लेकर क्या योजना है?
ये लोग उद्यान के लिए मिलने वाला पैसा भी खा जाते रहे हैं। अब पार्कों में काम दिखेगा। जहां तक पार्किंग की समस्या है तो इन लोगों ने इसे जिंदा रखा हुआ है। नगर निगम के पार्किंग ठेकेदार ओवर चार्जिंग करते हैं। हम सत्ता में आने पर इसे दूर करेंगे। नई पार्किंग बनाई जाएंगी और जो पार्किंग बनी हुई हैं, उन्हें व्यवस्थित किया जाएगा। अवैध निर्माण इसलिए है क्योंकि निगम कागजों में मानकर चलता है कि कहीं अवैध निर्माण नहीं हो रहा है।
हम इस सच्चाई को स्वीकार कर अवैध निर्माण को नियमित करेंगे। हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि एमसीडी की साइट पर प्लाट का साइज डालने पर निगम से स्वीकृत तमाम नक्शे सामने आ जाएंगे और उसमें से कोई भी अपनी पसंद का नक्शा चुन सकेगा। नक्शा पास कराने के लिए किसी को निगम के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आप के चार वर्ष सत्ता में रहने के बाद वर्ष 2017 में हुए एमसीडी चुनाव में पार्टी को मात्र 49 सीटें मिली थीं। अब पांच वर्ष और बीत चुके हैं। ऐसे में इस चुनाव को वर्ष 2017 के चुनाव के मुकाबले कैसे देखते हैं?
इस बार का एमसीडी चुनाव पिछले चुनाव से बिल्कुल अलग है। अब हम जहां भी प्रचार में जा रहे हैं, हर क्षेत्र में वे लोग सामने नजर आते हैं, जिन्हें किसी-न-किसी तरह से केजरीवाल सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। दिल्ली सरकार ने पिछले वर्षों में जो भी काम किए हैं, उसका लाभ हर तबके को मिला है, इसलिए हम चुनाव को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।
इस चुनाव में भाजपा कथित आबकारी घोटाले और तिहाड़ जेल से मंत्री सत्येंद्र जैन के एक के बाद एक वीडियो सामने आने को लेकर दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आप को घेरने में जुटी है। इससे पार्टी को कितना नुकसान हो सकता है?
आबकारी मामले में सीबीआइ और ईडी की चार्जशीट से साफ हो गया है कि पूरी कहानी फर्जी थी। इससे भाजपा का झूठ सामने आ गया है। जहां तक सत्येंद्र जैन के वीडियो की बात है तो अब भाजपा का समय जा चुका है। उनके षड्यंत्र को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है।
एलजी की ओर से भी दिल्ली सरकार से जुड़े कई अन्य मामलों में भी जांच के आदेश दिए गए हैं। इसे लेकर आप क्या कहेंगे?
इस समय एलजी बहुत सक्रिय हैं। एलजी ही क्या मुख्य सचिव, ईडी, सीबीआइ सभी ने भाजपा को जिताने की खूब कोशिश की है। अब जनता बताएगी कि भाजपा के ये षड्यंत्र किसी काम के नहीं रहे हैं।
गुजरात चुनाव और एमसीडी चुनाव एक समय कराए गए। क्या इससे आप के लिए कोई परेशानी पैदा हुई?
नहीं, ऐसा कतई नहीं है। आप के पास भी अब काफी चेहरे हैं। हमारी अब दो राज्यों में सरकारें हैं। दो-दो मुख्यमंत्री हैं और बहुत से नेता हैं। हालांकि, भाजपा का यही प्रयास रहा है कि हम लोग ठीक से प्रचार न कर पाएं।
दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक कर एकीकृत एमसीडी बना देने को किस रूप में देख रहे हैं?
यह केवल नेताओं के लिए है। इससे जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता है कि नगर निगम बंटे हैं या एक हैं। जनता के काम होने चाहिए।
पार्टी चुनाव प्रचार के बीच में केजरीवाल का सरकार और केजरीवाल का पार्षद अभियान लाई। इसकी क्या वजह रही?
यह घोषणा संदेश देती है कि केजरीवाल की सरकार है और केजरीवाल का पार्षद होगा तो काम आसानी से हो पाएंगे। अगर किसी सीट पर किसी अन्य दल का पार्षद आएगा तो वह काम नहीं होने देगा। इसी तरह से मिनी पार्षद का मतलब है कि जनता भी सत्ता में भागीदार होगी। आरडब्ल्यूए के लोग भी सरकार के कामकाज में अपनी भूमिका निभाएंगे।
टिकट न मिलने से बहुत सारे कार्यकर्ता नाराज हो गए थे, अब क्या स्थिति है? वे साथ आए हैं या नहीं?
पार्टी में बहुत कार्यकर्ता हैं, हर किसी की उम्मीद चुनाव लड़ने की होती है। उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है कि आप जीत रही है और हमें भी चुनाव लड़ना चाहिए। पार्टी के नजरिये से मैं इसे अच्छी बात मान रहा हूं। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल सका है, वे नाराज हुए, पर टिकट वितरण के एकाध दिन बाद ही पार्टी के काम में जुट गए।
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