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    फ्लाईओवर विज्ञापन पर MCD की मंजूरी, बाकी ढांचों पर अनुमति के लिए PWD फिर भेजा जाएगा प्रस्ताव

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 10:27 PM (IST)

    दिल्ली में एमसीडी ने फ्लाईओवरों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दे दी है। अन्य ढांचों के लिए पीडब्ल्यूडी को फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा। एमसीडी का यह कदम विज्ञापन से होने वाली आय को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे शहर के विकास कार्यों में मदद मिलेगी।

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    MCD की इमारत। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार को फ्लाईओवरों के रखरखाव और सुंदरीकरण के लिए पिलर पर इश्तिहार लगाकर राजस्व जुटाने की अनुमति दे दी है। इससे लोक निर्माण विभाग को बड़ी राहत मिली है। विभाग जल्द ही इस योजना पर अमल करने के लिए टेंडर जारी करेगा।

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    जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

    हालांकि, फ्लाईओवरों के अन्य हिस्सों सहित फुटओवर ब्रिज, अंडरपास व सब-वे पर विज्ञापन से राजस्व जुटाने की मंजूरी मिली है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि फिर से एमसीडी के पास प्रस्ताव भेजकर इसकी मांग की जाएगी। इससे पहले एमसीडी दिल्ली मेट्रो को इश्तिहार के जरिए भी कमाई करने की मंजूरी दे चुकी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश पर ऐसा किया गया था। ऐसे में पीडब्ल्यूडी सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकता है।

    68 अंडरपास का स्वामित्व

    बता दें कि लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा के निर्देश कुछ समस पहले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि लोक निर्माण विभाग पूरी दिल्ली में करीब 118 एफओबी, 54 सबवे, 100 फ्लाईओवर और 68 अंडरपास का स्वामित्व रखता है। ये सभी पैदल यात्रियों और वाहनों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए व्यस्त सड़कों और बाजारों में स्थित हैं।

    प्राइवेट पार्टियों को सौंपने पर विचार

    इन एफओबी, सबवे, फ्लाईओवर, अंडरपास और उनसे जुड़ी सुविधाओं का रखरखाव कठिन, समय लेने वाला और महंगा होता जा रहा है। समुचित देखभाल के अभाव में जर्जर दिखते हैं और इनका पूरा उपयोग नहीं हो पाता है। पत्र में कहा गया कि इन समस्याओं को कम करने के लिए इनके रखरखाव, संचालन और देखभाल के लिए प्राइवेट पार्टियों को सौंपने पर विचार किया गया है, जिन्हें राजस्व जुटाने के लिए विज्ञापन सहित कियोस्क, स्टाल व दुकानों आदि को खोलने के अधिकार शामिल हैं।

    पत्र में एमसीडी से शीघ्र मंजूरी देने की मांग करते हुए कहा गया था कि अगर कोई राजस्व आता है, तो उसे स्वीकृत मानदंडों के अनुसार एमसीडी के साथ साझा भी किया जाएगा। इसके बाद एमसीडी ने फिलहाल फ्लाईओवरों के पिलरों पर विज्ञापन लगाने की मंजूरी दी है।

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