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    पूर्वी दिल्ली के मौजपुर गांव में रिटायर्ड रेलवे कर्मी के मकान पर कब्जा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:31 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद थाना पुलिस ने मौजपुर गांव में एक बुजुर्ग के मकान पर कब्जा करने वाले बदमाश प्रवेश शर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मकान पर कब्जा किया था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है और मामले की जांच कर रही है। पीड़ित ने जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।

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    पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद थाना पुलिस ने मौजपुर गांव में एक बुजुर्ग के मकान पर कब्जा करने वाले बदमाश प्रवेश शर्मा को गिरफ्तार किया है। 

    जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। जाफराबाद थाना पुलिस ने मौजपुर गांव में एक बुजुर्ग के मकान पर कब्जा करने वाले एक बदमाश को गिरफ्तार किया है। बदमाश की पहचान प्रवेश शर्मा के रूप में हुई है। बदमाश ने दावा किया था कि उसके पास मौजूद दस्तावेज असली हैं, लेकिन पुलिस ने जब उनकी एफएसएल से जांच कराई तो वे फर्जी निकले। हस्ताक्षर भी जाली थे। पुलिस ने बदमाश को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया।

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    कोर्ट ने उसे दो दिन की रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस उसके भाई योगेश शर्मा और भतीजे आशु शर्मा की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस ने बताया कि मौजपुर गांव निवासी रमेश चंद सूरी ने पुलिस में शिकायत दी थी कि जाफराबाद थाने से घोषित बदमाश प्रवेश शर्मा ने अपने भाई और भतीजे के साथ मिलकर उसके 75 गज के मकान पर कब्जा कर लिया है। पीड़ित के पिता रेलवे से सेवानिवृत्त हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

    जाफराबाद थाने के एसआई हेमंत कुमार गौतम को जांच सौंपी गई है। पुलिस ने बदमाश के खिलाफ सबूत जुटाए हैं। बिजली का मीटर हासिल करने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने अपराधी द्वारा प्रस्तुत किए गए उन दस्तावेज़ों का सत्यापन विभिन्न विभागों और एफएसएल से करवाया, जिनमें उसने मकान अपना होने का दावा किया था। एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस ने 17 नवंबर की रात मौजपुर गाँव में घोषित अपराधी को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह गाँव के चौक पर शराब पी रहा था।

    अपराधी के खिलाफ हत्या के प्रयास और धमकी समेत विभिन्न धाराओं में पहले से ही दस मामले दर्ज हैं। पीड़ित बुजुर्ग ने उम्मीद जताई है कि पुलिस जल्द ही उसका घर वापस दिला देगी। अपराधी को इतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए कि वह किसी की ज़मीन पर कब्ज़ा न कर सके। इस मामले को लेकर वह कई बार ज़िले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप लांबा से मिल चुके हैं। उनका मामला दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। ज़िले में अपराधी डरा-धमकाकर ज़मीन हड़प लेते हैं।