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एलजी ने घर तक राशन पहुंचाने का प्रस्ताव किया खारिज

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : घर तक राशन पहुंचाने की दिल्ली सरकार की महत्वांकाक्षी योजना के प्रस्ताव को

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 10:02 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 10:02 PM (IST)
एलजी ने घर तक राशन पहुंचाने का प्रस्ताव किया खारिज
एलजी ने घर तक राशन पहुंचाने का प्रस्ताव किया खारिज

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : घर तक राशन पहुंचाने की दिल्ली सरकार की महत्वांकाक्षी योजना के प्रस्ताव को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अस्वीकार कर दिया है। हालांकि ऐसा करने के पीछे एलजी ने तर्क भी दिए हैं। साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग में लगे ई-पीओएस उपकरण हटाने से भी इन्कार कर दिया है। उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रियास्वरूप ट्वीट किया कि एक महत्वपूर्ण योजना 'तुच्छ राजनीति' का शिकार हो गई।

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इस माह की शुरुआत में दिल्ली सरकार ने कैबिनेट बैठक में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) लाभान्वितों के घर तक सीलबंद लिफाफों में राशन पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह प्रस्ताव योग्य लाभान्वितों को गेहूं, आटा, चावल और चीनी की घर पर डिलीवरी से संबंधित है। सरकारी अधिकारी के मुताबिक शहर में पीडीएस के करीब 72 लाख लाभान्वित हैं। कैबिनेट के फैसले के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि योजना को मंजूरी देने में बाधाएं खड़ी की गईं। वह एलजी से अनुरोध करेंगे कि दिल्ली के गरीब निवासियों को ध्यान में रखते हुए वह इस योजना पर विचार करें और इसे मंजूरी दें।

वहीं, इस पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'बहुत दुख की बात है कि माननीय एलजी ने घर पहुंचाने वाले राशन की योजना को अस्वीकार कर दिया। मैंने उनसे कई बार अनुरोध किया था कि वह फैसला लेने से पहले मेरी बात सुनें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।' उन्होंने लिखा, 'यह बहुत, बहुत दुख की बात है कि ऐसे महत्वपूर्ण फैसले तुच्छ राजनीति का शिकार बन रहे हैं।' कुशल सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जरूरत : एलजी

राजनिवास की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह कहना गलत है कि एलजी ने डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन का प्रस्ताव निरस्त कर दिया है। एलजी का तर्क है कि कुशल सार्वजिनक वितरण प्रणाली ही यह सुनिश्चित कर सकती है कि कोई योग्य लाभार्थी अपने हिस्से का राशन लेने से वंचित न रहे और कोई अयोग्य व्यक्ति इस सुविधा का दुरुपयोग न करे। राशन की होम डिलीवरी से केवल मानवीय हस्तक्षेप बदलेगा इसलिए इस योजना के तहत राशन सामग्री के बदलाव और भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सकता है। योजना पर आएगा 250 करोड़ रुपये का खर्च

वित्त विभाग ने यह भी पाया है कि होम डिलीवरी की योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 250 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। यदि यह खर्च लाभार्थियों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए तो प्रत्येक लाभार्थी प्रतिमाह पांच किलो अतिरिक्त आटा खरीद सकता है। एलजी के मुताबिक, वित्त विभाग ने बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड) के साथ हुए मौजूदा समझौते (ई- पीओएस उपकरणों) की व्यवस्था के मुद्दे को भी उठाया है क्योंकि यहां ई-पीओएस मशीन के किराये के शुल्क, तराजू और आख के उपकरणों की प्रतिबद्धताएं हैं। एलजी ने कहा कि वित्त विभाग के सुझाव अतिविचारणीय हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने बहुत मुश्किलों से ई-पीओएस उपकरणों को लगाने में सफलता प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने अपने पत्र में यह लिखा है कि वास्तव में दिल्ली में पीडीएस सुधारों की प्रगति वर्ष 2015-16 से कम हो गई है।


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