रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर की राजनीतिक अड़चन दूर, दिल्ली से हरियाणा की मेट्रो कनेक्टिविटी को मिली मंजूरी
दिल्ली मेट्रो फेज-IV के रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के लिए एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली जल बोर्ड की भूमि DMRC को आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। ...और पढ़ें

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो फेज-IV के तहत प्रस्तावित रिठाला–बवाना–नरेला–कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को लेकर वर्षों से चली आ रही रुकवाट आखिरकार दूर हो गई।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस कॉरिडोर के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की भूमि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के बाद रिठाला से रोहिणी सेक्टर-25 तक वायाडक्ट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है, जिससे मेट्रो परियोजना में तेजी आने की उम्मीद है।
DMRC को कितनी भूमि मिली?
एलजी की मंजूरी के बाद, दिल्ली जल बोर्ड निम्नलिखित भूमि DMRC को सौंपेगा:
- 50 वर्ग मीटर भूमि – स्थायी आधार पर (99 वर्ष की लीज)
- 1286 वर्ग मीटर भूमि – अस्थायी आधार पर (4 वर्षों के लिए)
यह भूमि एसटीपी, रिठाला क्षेत्र में स्थित है और इसका उपयोग केवल वायाडक्ट निर्माण के लिए किया जाएगा।
DMRC कितनी राशि देगा
नियमों और शर्तों के अनुसार, DMRC दिल्ली जल बोर्ड को कुल 75,50,353 रुपये का भुगतान करेगा, जिसमे से 12,28,937 रुपये 50 वर्ग मीटर स्थायी भूमि के लिए और 63,21,416 रुपये 1286 वर्ग मीटर अस्थायी भूमि (4 वर्ष) के लिए दिए जाएंगे। DMRC इस भूमि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं कर सकेगा।
वर्षों से क्यों अटका था मामला?
यह मामला लंबे समय से लंबित था। अधिकारियों के अनुसार, पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान निर्णय में अनिर्णय और देरी के चलते यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई थी। एलजी सक्सेना की मंजूरी के बाद अब इस अहम अड़चन को दूर कर लिया गया है।
रिठाला–कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के फायदे
फेज-IV का रिठाला–कुंडली मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के लिए कई बड़े लाभ लेकर आएगा:
- दिल्ली-हरियाणा कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
- रोहिणी, बवाना और नरेला जैसे इलाकों में ट्रैफिक व प्रदूषण में कमी आएगी।
- 21 एलिवेटेड स्टेशनों के माध्यम से बेहतर सार्वजनिक परिवहन होगा।
- औद्योगिक और रिहायशी क्षेत्रों तक आसान पहुंच होगी।
- नरेला को एजुकेशन हब, प्रमुख आवासीय क्षेत्र और स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।
- रेड लाइन से बेहतर एकीकरण, जिससे NCR में निर्बाध यात्रा संभव होगी।
- यह कॉरिडोर हरियाणा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए सार्वजनिक परिवहन का एक मजबूत विकल्प बनेगा।
एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद दिल्ली मेट्रो फेज-IV की यह महत्वपूर्ण परियोजना अब तेज़ी से आगे बढ़ेगी। रिठाला–नरेला–कुंडली मेट्रो कॉरिडोर न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी बदलेगा, बल्कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के विकास को भी नई गति देगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।