लाल किला धमाके में शामिल आतंकियों के लिए फांसी की मांग, आतंकवाद के विरूद्ध जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
जंतर-मंतर पर लाल किला आतंकी विस्फोट मामले में शामिल आतंकियों को सार्वजनिक फांसी देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट ने अल फलाह यूनिवर्सिटी की एनआईए जांच की मांग की और केंद्र व दिल्ली सरकार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी पर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप लगाए और चेयरमैन की संपत्ति की जांच की मांग की।
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आतंकवाद के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला आतंकी विस्फोट मामले में लिप्त आतंकियों को लाल किले में सार्वजनिक फांसी के साथ ही इसमें शामिल अल फलाह यूनिवर्सिटी की एनआइए जांच की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन हुआ।
यूनाइटेड हिन्दू फ्रंट के विरोध प्रदर्शन के बाद इससे संबंधित ज्ञापन केंद्र व दिल्ली सरकार को सौंपा गया।
फ्रंट के अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि गरीब, अनपढ़ मुस्लिम युवा आतंकवाद की ओर झुकते रहे हैं मगर 10 नवंबर को दिल्ली धमाके में व्हाइट कालर डाक्टर, प्रोफेसर व इंजीनियर आतंकी पकड़े गए हैं। यह पूर्व के जिहाद का नया वर्जन है। इस मौके पर प्रदर्शनकारी दिल्ली बम धमाके के सभी आरोपियों को फांसी दो, बलिदानों को श्रद्धांजलि जैसे स्लोगन लिखे प्लेकार्ड लिए हुए थे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सुनियोजित तरीके से अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली हिंदू लड़कियों को कुरान पढ़ने, रोजा रखने व हिजाब पहनने के लिए विशेष अंक दिए जाते हैं और मुस्लिम लड़को को हिंदू लड़कियों से दोस्ती करवाई जाती हैं ताकि लव जिहाद के जरिये हिन्दू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा सके।
वित्तीय धोखाधड़ी में तीन वर्ष जेल की सजा भुगतने वाले और जामिया मिल्लिया में एक मामूली लेक्चरर के अल फलाह के चेयरमैन बनने वाले जावेद अहमद सिद्दीकी के कुछ वर्ष में नौ कंपनियों का मालिक बन जाने में बड़ा रहस्य है। इसी तरह, अल फलाह को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने में तत्कालीन हरियाणा के कांग्रेस पार्टी सरकार व तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इसकी उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।
नेमिष हेमंत, 16 अगस्त

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