क्यों नहीं हटाए सिंगर Kumar Sanu के मॉर्फ्ड वीडियो वाले यूआरएल? दिल्ली HC का Meta और Google से सवाल
दिल्ली हाई कोर्ट ने कुमार सानू की याचिका पर मेटा और गूगल से सवाल किया कि उनके मॉर्फ्ड वीडियो और अभद्र भाषा वाले यूआरएल को क्यों नहीं हटाया गया। अदालत ने आईटी नियमों के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मेटा ने कहा कि आपत्तिजनक शब्द हटाए गए हैं, लेकिन क्या गलत है, यह तय नहीं कर सकते। अदालत ने मीडिएटर को नियमों के अनुसार कार्रवाई करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।

पार्श्व गायक कुमार सानू की याचिका पर हाई कोर्ट ने मेटा व गूगल से किया सवाल।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। व्यक्तिगत अधिकाराें की सुरक्षा की मांग को लेकर पार्श्व गायक कुमार सानू की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को मेटा और गूगल की कार्यवाही पर सवाल उठाया। अदालत ने मेटा व गूगल से पूछा कि कुमार सानू से जुड़े माॅर्फ्ड वीडियो और अभद्र भाषा वाले यूआरएल को दोनों इंटरनेट मीडिया से क्यों नहीं हटाया जा सकता है?
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने मेटा और गूगल की ओर से पेश वकील से यह निर्देश लेने को कहा कि यूआरएल पर छेड़छाड़ किए गए वीडियो और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें आईटी नियमों के अनुसार शिकायत अधिकारी द्वारा क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए? मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
इस पर मेटा की तरफ से कहा कि गया है कि आईटी नियमों के तहत आपत्तिजनक शब्द को विशेष रूप से हटा दिया गया है, लेकिन एक मीडिएटर के रूप में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म यह तय नहीं कर सकता कि क्या गलत है और क्या नहीं।
इस मामले का फैसला अदालत को करना होगा। यह भी कहा कि मीडिएटर मानहानिकारक सामग्री का फैसला नहीं कर सकता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला दिया, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि मीटिएटर सुपर सेंसर नहीं हो सकता है।
इस पर मौखिक टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा कि मीडिएटर जो हटा सकता है, उसे हटाए। अगर मीडिएटर के पास कोई शिकायत आती है, तो आपको नियमों के अनुसार कार्रवाई करनी होगी।
आप अगले दिन आकर मुझे बताएं कि आपने क्या हटाया और क्या नहीं? क्योंकि हर कोई अदालत नहीं आ सकता। पीठ ने साथ ही कुमार सानू की तरफ से पेश वकील से व्यक्तिगत अधिकारों के उल्लंघन करने वाली सामग्री का विवरण देने का निर्देश दिया।
सानू ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों पर सुरक्षा की मांग करते हुए उनके नाम, आवाज, गायन शैली और तकनीक, छवि, व्यंग्यचित्र, तस्वीरें, हस्ताक्षर सहित अन्य विशेषताओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है।
मुकदमे में कहा गया है कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित इंटरनेट नेटवर्किंग वेबसाइटों पर अपलोड करके कुमार सानू से जुड़े ऑडियो/वीडियो से प्रतिवादी उल्लंघनकर्ता राजस्व उत्पन्न कर रहे हैं।
इससे पहले अदालत अभिनेता अभिषेक बच्चन, अभिनेत्री व अभिषेक की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन व फिल्म निर्माता करण जौहर की छवि, नाम व वीडियो के इस्तेमाल पर रोक लगा चुकी है।
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