'फांसी घर’ विवाद की बैठक में फिर अनुपस्थित रहे केजरीवाल-सिसोदिया, अब विशेषाधिकार समिति तय करेगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया 'फांसी घर' विवाद की बैठक में दोबारा अनुपस्थित रहे। उनकी लगातार गैरमौजूदगी के बाद, विधानसभा की विशेषाधिकार समिति अब इस मामले पर कार्रवाई तय करेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे समिति को सौंपा है।

विशेषाधिकार समिति की बैठक में फिर नहीं आए केजरीवाल और सिसोदिया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बृहस्पतिवार को भी दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक में उपस्थित नहीं हुए। इससे पहले 13 नवंबर को हुई बैठक में भी दोनों नेता उपस्थित नहीं हुए थे। यह समिति उस फांसी घर की प्रामाणिकता की जांच के लिए गठित की गई है, जिसका उद्घाटन तीन साल पहले विधानसभा परिसर में हुआ था।
समिति के अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह राजपूत ने कहा कि समिति ने अब इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, राम निवास गोयल और राखी बिड़ला एक बार फिर विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हुए, जबकि उन्हें अपना पक्ष रखने के दो मौके दिए गए थे।
बयान में आगे कहा गया है, 'अपनी चल रही जांच के क्रम में, समिति ने 'फांसी घर' की प्रामाणिकता के मामले पर विचार-विमर्श के लिए विशेष रूप से एक बैठक निर्धारित की थी। यह बैठक उद्घाटन से जुड़ी परिस्थितियों की व्यापक जांच के लिए आवश्यक तथ्यात्मक और प्रक्रियात्मक मूल्यांकन को आगे बढ़ाने के लिए बुलाई गई थी।'
2022 में विधानसभा अध्यक्ष ने उठाया था मसला
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नौ अगस्त, 2022 को दिल्ली विधानसभा परिसर में उद्घाटन किए गए 'फांसी घर' की प्रामाणिकता से संबंधित मामला उठाया था, जिसके बाद विशेषाधिकार समिति को इस मुद्दे की आगे की जांच करने का निर्देश दिया गया था।
विशेषाधिकार समिति में अध्यक्ष राजपूत, सूर्य प्रकाश खत्री, अभय कुमार वर्मा, अजय कुमार महावर, सतीश उपाध्याय, नीरज बसोया, रविकांत, राम सिंह नेताजी और सुरेंद्र कुमार शामिल हैं।

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