'हमें शक की नजरों से देखा जा रहा, मकान खाली करने को कह दिया...', कश्मीरी छात्रों की चिंता बढ़ी
लाल किले के पास धमाके के बाद, जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जेकेएसए) ने कश्मीरी छात्रों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर चिंता जताई है। संगठन ने कहा कि कई राज्यों में छात्रों को धमकियां मिल रही हैं और उन्हें मकान खाली करने को कहा जा रहा है। जेकेएसए ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने और कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने प्रेसवार्ता कर जताई चिंता। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए आतंकी धमाके के बाद देश के कई उत्तरी राज्यों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के साथ बढ़ते कथित अनुचित व्यवहार को लेकर जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जेकेएसए) ने गंभीर चिंता जताई है।
संगठन का कहना है कि सुरक्षा जांच के नाम पर छात्रों को संदेह की निगाह से देखा जा रहा है, जबकि वे लोकतांत्रिक ढांचे और मुख्यधारा पर पूरा भरोसा रखते हैं।
संस्था ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वे सार्वजनिक रूप से हस्तक्षेप करें और कश्मीरियों के खिलाफ हो रही बदनामी और सामूहिक संदेह की प्रवृत्ति को रोकें।
प्रेस वार्ता में जेकेएसए के नेशनल कन्वीनर नासिर खुहेमी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित कई राज्यों में कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर प्रोफाइलिंग, धमकियों, मकान खाली कराने और सामाजिक बहिष्कार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
हम भारत के लोकतंत्र और कानून में विश्वास रखते हैं। लेकिन कश्मीरी छात्रों को न सिर्फ शक की नजरों से देखा जा रहा है, बल्कि कई मकान मालिकों ने उन्हें तत्काल कमरा खाली करने को कहा है। कई छात्र डर के कारण जल्दी घर लौट गए।
उन्होंने कहा कि जेकेएसए को जांच से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सामूहिक शक को बढ़ावा देना गलत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और किसी समुदाय को निशाना बनाए जाने जैसी प्रवृत्ति पर रोक लगे। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे सार्वजनिक रूप से बयान दें कि कश्मीरी भी इस देश के समान नागरिक हैं।

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