CBSE ने 10वीं-12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं की तिथि की घोषित, शीतकालीन स्कूलों में आयोजित होंगी पहले
CBSE ने शीतकालीन क्षेत्रों के स्कूलों में 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं 6 नवंबर से कराने का फैसला किया है। बोर्ड ने सभी स्कूलों को तैयारी करने और समय पर परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला शीतकालीन क्षेत्रों के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां बर्फबारी से कक्षाएं बाधित होती हैं।

देश और विदेश के सभी अन्य सीबीएसई स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं एक जनवरी 2026 से शुरू
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 की 10वीं-12वीं की प्रायोगिक परीक्षा, प्रोजेक्ट वर्क और इंटरनल असेसमेंट की तारीखें घोषित कर दी हैं।
शीतकालीन सत्र वाले स्कूलों में 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा छह नवंबर से छह दिसंबर 2025 के बीच आयोजित की जाएंगी। वहीं, देश और विदेश के सभी अन्य सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में यह परीक्षाएं एक जनवरी 2026 से शुरू होंगी।
बोर्ड ने सभी शीतकालीन स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे फाइनल लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (एलओसी) तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि केवल उन्हीं छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए जिनके नाम बोर्ड की ऑनलाइन सूची में शामिल हैं।
10वीं के लिए इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार ही आयोजित किया जाएगा, इसलिए सभी स्कूलों को निर्धारित अवधि में ही सभी विद्यार्थियों के अंक भरने होंगे। सीबीएसई ने कहा है कि स्कूल अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से संपर्क कर बाहरी परीक्षकों और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करें।
प्रायोगिक या प्रोजेक्ट परीक्षा के दौरान छात्रों को 30-30 विद्यार्थियों के बैच में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक बैच की परीक्षा एक ही सत्र में एक साथ आयोजित की जाएगी ताकि प्रबंधन और अंक अपलोड करने में सुविधा रहे।
यदि किसी विषय में 30 से अधिक विद्यार्थी हैं, तो स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे परीक्षा को दो या तीन सत्रों में आयोजित करें ताकि मूल्यांकन निष्पक्ष और व्यवस्थित रूप से हो सके।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि सभी छात्रों को अपने निर्धारित दिन पर ही परीक्षा या मूल्यांकन में उपस्थित होना अनिवार्य है। किसी भी कारण से अनुपस्थित रहने वाले छात्र के लिए परीक्षा केवल आधिकारिक शेड्यूल की अवधि के भीतर ही दोबारा आयोजित की जा सकेगी।
निर्धारित तिथियों से बाहर किसी भी प्रकार का विस्तार या विशेष अनुमति स्वीकृत नहीं की जाएगी। यदि कोई छात्र परीक्षा में अनुपस्थित रहता है, तो उसे ऑनलाइन सिस्टम में अनुपस्थित के रूप में अंकित किया जाएगा।
हालांकि, यदि किसी छात्र का प्रैक्टिकल या प्रोजेक्ट कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर किसी अन्य दिन के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है, तो उसे रीशेड्यूल्ड के रूप में दर्ज किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Dhanteras 2025: सोना भले ही हो सवा लाख के पार, दिल्ली को 50 % अधिक कारोबार की आस
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।