जबड़ा टूटने पर छोटे प्लेट से संभव है बेहतर इलाज
-एम्स के डॉक्टर सिखाएंगे चेहरे के फ्रैक्चर हड्डी की सर्जरी की अत्याधुनिक तकनीक राज्य ब्यूरो
-एम्स के डॉक्टर सिखाएंगे चेहरे के फ्रैक्चर हड्डी की सर्जरी की अत्याधुनिक तकनीक
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
सड़क हादसों व मारपीट की घटनाओं में जबड़ा या चेहरे के अन्य हिस्से की हड्डी में फ्रैक्चर होना बड़ी समस्या है। इसके मद्देनजर एम्स में रविवार को संस्थान के डेंटल सेंटर ने कार्यशाला का आयोजन किया है। इसमें एम्स के डॉक्टर दूसरे अस्पतालों के डॉक्टरों को टूटे हुए जबड़े को जोड़ने की अत्याधुनिक तकनीक बताएंगे। एम्स के डेंटल सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि छोटे प्लेट के माध्यम से टूटे जबड़े को जोड़ने से मरीज जल्द ठीक हो जाता है।
डेंटल सेंटर के मैक्सिलोफेसियल सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. अजोय रॉय चौधरी ने कहा कि हादसा पीड़ितों के चेहरे के फ्रैक्चर हड्डियों को जोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिशा निर्देश हैं। इसके बावजूद डॉक्टर अपने-अपने तरीके से सर्जरी करते हैं। इस कार्यशाला का मकसद विश्व में इस्तेमाल हो रही अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे मामलों में मरीजों की सर्जरी के लिए वायर का इस्तेमाल होता था। टूटे हुए जबड़े को जोड़ने के अलावा वायर से दांतों को बांध देते थे। इसलिए मरीज का मुंह नहीं खुल पाता। लिहाजा मरीज छह से आठ सप्ताह तक भोजन नहीं कर पाता था। इस वजह से मरीज को कमजोरी व पोषण से संबंधित परेशानियां होती थीं।
अब एम्स में इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता। टाइटेनियम के बने छोटे प्लेट व स्क्रू इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके माध्यम से चेहरे की फ्रैक्चर हड्डी को जोड़ दी जाती है। इसलिए एक दिन बाद ही मरीज पानी व अन्य तरल पदार्थ लेने लायक हो जाता है। दो सप्ताह में मरीज भोजन भी करने लगते हैं। एम्स में हर साल इस तकनीक से करीब 350 मरीजों की सर्जरी की जाती है।
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