अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में झारखंड की ट्राइबल ज्वेलरी ने लूटा दिल, बिहार-ओडिशा पवेलियन भी फुल
44वें इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट मेले के अंतिम रविवार को भारी भीड़ उमड़ी। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पवेलियन में युवाओं ने करियर के अवसरों की जानकारी ली। सरस आजीविका मेले में छूट के कारण खरीदारी में तेजी आई। बिहार और झारखंड पवेलियन आकर्षण का केंद्र रहे, जहाँ हैंडलूम, हस्तशिल्प और ट्राइबल ज्वेलरी प्रदर्शित की गई।
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भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले रविवार को मेला घूमने पहुंचे लोगों की भीड़। हरीश कुमार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। खत्म होने के करीब 44वें इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट मेले में रविवार को दर्शकों की भारी भीड़ देखी गई। मेले में सुबह से ही भीड़ जमा होने लगी थी। कई जगहों पर लंबी लाइनें देखी गईं। शाम तक हालात इतने खराब हो गए थे कि आसानी से आना-जाना भी मुश्किल हो रहा था।
यह वर्ल्ड फेयर गुरुवार को खत्म होगा। इसलिए, मेले में अब डिस्काउंट मिल रहे हैं, और लोग जमकर शॉपिंग भी कर रहे हैं। मेला ऑर्गनाइजर इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) के मुताबिक, रविवार को 12,492 लोग मेले में आए।
हॉल नंबर 1 में एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के पवेलियन में भी रविवार को काफी भीड़ देखी गई। खासकर युवा लोग करियर के मौकों के बारे में जानने के लिए लाइन में लगे दिखे। लाइव ATC डेमोंस्ट्रेशन के जरिए लोगों ने यह भी सीखा कि हवाई जहाज एयरफील्ड से कैसे जुड़ते हैं, उन्हें सिग्नल कैसे मिलते हैं, और नीचे से उन्हें कैसे निर्देश मिलते हैं।
सरस आजीविका मेले में 10 से 20 परसेंट के डिस्काउंट से शॉपिंग में उछाल आया है। 31 राज्यों की 300 से ज़्यादा महिला कारीगर 150 से ज़्यादा स्टॉल पर अपने शानदार काम दिखा रही हैं।
ओडिशा पवेलियन में, ओडिशा सरकार के मिशन शक्ति डिपार्टमेंट और पंचायती राज और पीने के पानी डिपार्टमेंट के तहत चलने वाली ओडिशा रूरल डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग कमिटी ने दुनिया के सामने आत्मनिर्भर भारत की एक दमदार तस्वीर पेश की है।
इस पवेलियन में कमिटी के छह और मिशन शक्ति के चार स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें ग्रामीण महिला सेल्फ-हेल्प ग्रुप के बनाए हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट दिखाए और बेचे जा रहे हैं। इन प्रोडक्ट को बनाने की पारंपरिक कला को लाइव डेमो प्लेटफॉर्म पर भी दिखाया जा रहा है। दोनों ही विज़िटर्स के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं।
रविवार को, बिहार पवेलियन भीड़ और उत्साह का केंद्र बना रहा, चाहे वह हैंडलूम हो, हाथ से बने प्रोडक्ट हों, या जीविका बहनों के देसी हाथ से बने प्रोडक्ट हों। पवेलियन के स्टॉल पर भारी भीड़ ने साबित कर दिया कि देश भर के लोग बिहार की कला, संस्कृति और प्रोडक्ट को कितने उत्साह से अपनाते हैं और उनकी तारीफ़ करते हैं। झारखंड पवेलियन, जिसे फोकस स्टेट के तौर पर चुना गया है, इस साल एक बड़ा आकर्षण रहा है, जो अपनी ट्राइबल और सिल्वर ज्वेलरी से विज़िटर्स को अपनी ओर खींच रहा है।
झारखंड की मशहूर ट्राइबल ज्वेलरी, जैसे हसुली, ठेला, पैरी, बंगारी, और दूसरी सिल्वर और मेटल ज्वेलरी, अपने यूनिक डिज़ाइन, पारंपरिक टेक्नीक और कल्चरल महत्व की वजह से पॉपुलर हो रही हैं। स्टॉल ऑपरेटर गीता रानी ने बताया कि खास डिज़ाइन, कल्चरल पहचान और किफायती कीमतों ने झारखंड की ज्वेलरी को विज़िटर्स के बीच तेज़ी से पसंदीदा बना दिया है। टूरिज्म डिपार्टमेंट का पतरातू वैली, नेतरहाट, सारंडा फॉरेस्ट, बेतला नेशनल पार्क, चांडिल डैम और पारसनाथ जैसे बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन का वर्चुअल रियलिटी प्रेजेंटेशन भी विज़िटर्स को एक इमर्सिव एक्सपीरियंस दे रहा है।
हॉल 9, 10 और 11 में विज़िटर्स को घरेलू सामान खरीदते हुए भी देखा गया। हॉल 11 में विदेशी स्टॉल भी विज़िटर्स को अपनी ओर खींच रहे हैं। विज़िटर्स को फूड कोर्ट में अलग-अलग राज्यों की डिशेज़ का मज़ा लेते हुए भी देखा जा सकता है।

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