इंस्टाग्राम पर iPhone बेचने के नाम पर ठगी करने वाला दबोचा, पूछताछ में उगले बड़े राज
दिल्ली साइबर सेल ने इंस्टाग्राम पर एप्पल आईफोन विक्रेता बनकर ठगी करने वाले एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने रियायती दरों पर आईफोन बेचने का दावा किया और वारंटी, टैक्स जैसे बहानों से 66 हजार रुपये वसूले। तकनीकी जांच से हिसार का लिंक मिला और आरोपी अमन गिरफ्तार हुआ। उसने आठ से नौ लाख रुपये की ठगी की बात कबूली है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बाहरी उत्तरी जिला साइबर सेल ने इंस्टाग्राम पर एप्पल आईफोन का विक्रेता बनकर ठगी करने वाले एक जालसाज को हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार किया है। आरोपी की गिरफ्तारी से करीब आठ से नौ लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है।
पुलिस ने उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, तीन डेबिट कार्ड और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं, जबकि आरोपी के अन्य साथियों की तलाश जारी है।
जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी स्वामी ने बताया कि साइबर सेल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया कि उसे इंस्टाग्राम पर “दिल्ली एप्पल स्टोर” नाम से एक पेज मिला था, जो रियायती दरों पर एप्पल आईफोन बेचने का दावा कर रहा था।
शिकायतकर्ता ने पेज पर दिए गए लिंक से संपर्क किया और सौ रुपये देकर आइफोन 16 प्रो की बुकिंग कर दी। जिसके बाद आरोपित ने वारंटी, बार्डर टैक्स, शिपिंग, मेल वेरिफिकेशन और सिम एक्टिवेशन जैसे बहानों से 29 बार में करीब 66 हजार रुपये वसूल लिए। रकम जमा कराने के बाद आरोपित ने जवाब देना बंद कर दिया और फोन भी नहीं भेजा।
तकनीकी जांच से हिसार का लिंक मिला
तकनीकी जांच में इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा मोबाइल नंबर हरियाणा के हिसार जिले के कालीरावण गांव निवासी अमन के नाम पर पाया गया। पुलिस को यह भी पता चला कि यह गांव साइबर ठगी गतिविधियों का गढ़ बन चुका है। साइबर सेल की टीम ने आधी रात को गांव में छापीमारी कर कई घरों और खेतों की तलाशी ली। काफी मशक्कत के बाद 23 अक्तूबर को आरोपित अमन को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से दो मोबाइल फोन, तीन डेबिट कार्ड, संदिग्ध कालिंग डिवाइस और ठगी में प्रयुक्त मोबाइल नंबर बरामद किए गए।
भारी छूट का लालच देकर फंसाते थे ग्राहक
जांच में खुलासा हुआ कि अमन और उसके साथियों ने खुद को एप्पल आईफोन का अधिकृत विक्रेता बताकर इंस्टाग्राम पर एक पेज बनाया था। वे भारी छूट का झांसा देकर ग्राहकों को आकर्षित करते थे।
विश्वास जीतने के लिए वे फर्जी ग्राहकों की चैट और तस्वीरें शेयर करते थे। फिर बुकिंग, वारंटी या कस्टम चार्ज के नाम पर अलग-अलग भुगतान कराते थे। ठगी के पैसे कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर पुलिस की पकड़ से बचने की कोशिश करते थे।
स्थानीय ठगों से ली ट्रेनिंग
पकड़ा गया आरोपित अमन (19) बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह अपने गांव में सक्रिय स्थानीय साइबर ठगों के संपर्क में आया और उनसे ऑनलाइन जालसाजी के तरीके सीखे। उसने पूछताछ में कबूल किया कि वह अब तक आठ से नौ लाख रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस अब उससे जुड़े नेटवर्क और अन्य खातों की जांच कर रही है।

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