Indigo Crisis से यात्रियों की बेबसी चरम पर: ‘बिना पैसे और गर्म कपड़ों के फंसे एयरपोर्ट पर, बेमतलब खर्च हो रहे रुपए’
इंडिगो की उड़ानें रद होने और देरी होने के कारण यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। उनके पास पैसे और गर्म कपड़े नहीं हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानी हो ...और पढ़ें

आइजीआइ एयरपोर्ट पर फ्लाइटें रद्द होने के कारण दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उमड़ी यात्रियों की भीड़। चंद्र प्रकाश मिश्र
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बेटी और पत्नी के साथ सामान लेकर बिना पैसे और गर्म कपड़े के एयरपोर्ट पर फंसा हूं। यहां मोबाइल चार्ज के लिए भी लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। खाने-पीने के लिए भी दोस्तों से पैसा उधार मांगना पड़ रहा है। तीन दिनों से भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाइट कैंसिल चल रही है। अगर मैं यह फ्लाइट कैंसिल करके दूसरी एयरलाइन की फ्लाइट में जाने की सोच भी रहा हूं तो उसका बेहिसाब टिकट किराया देख सहम जा रहा हूं। अपनी आपबीती सुनाते हुए राजेश अग्रवाल का दर्द आंसुओं के रूप में छलक पड़ा।
यात्रियों का छलक रहा दर्द
ऐसे ही किसी छात्र की परीक्षा छूट गई तो कोई नौकरी के लिए इंटरव्यू देने और अपने बच्चों व भाई- बहन की शादी में समय पर नहीं पहुंच सका। इंडिगो ने देश के यात्रियों को ऐसा दर्द दिया है जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता।
फ्लाइट री-शेड्यूल करने की गुहार लगा रहे
इंडिगो की यह लापरवाही यात्रियों के लिए एक भयानक हादसा बन गई है। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल- एक पर पिछले तीन दिनों से परिवार के साथ फंसे भुवनेश्वर के राजेश अग्रवाल और उनकी पत्नी संतोषी अग्रवाल की आंखें उस समय नम हो गई जब उन्होंने बताया कि आज उनकी बेटी की बीए के प्रेक्टिकल परीक्षा है और वह इंडिगो कर्मचारियों से पिछले तीन दिनों से अपने घर जाने के लिए फ्लाइट री-शेड्यूल करने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सही से जवाब नहीं दे रहा है। आज भी पता नहीं उनकी फ्लाइट उड़ान भरेगी या नहीं, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
इंडिगो कर्मचारियों के पास जवाब नहीं
चेन्नई की रहने वाली 56 वर्ष शीला शर्मा ने बताया कि वह एक सप्ताह पहले अपने पति के साथ दिल्ली अपनी बेटी- दामाद को शादी में आने के लिए निमंत्रण देने आई थी। उनकी वापसी की टिकट चार दिसंबर की थी, लेकिन उस दिन शाम को मैसेज आया कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है। इसके बाद आज फिर बेटी ने दूसरी बार फ्लाइट की नई महंगी टिकट खरीदी है, लेकिन वह फ्लाइट भी कैंसिल दिखा रही है। शाम को बेटे की शादी है। वह काउंटर पर यात्रियों की लगी लंबी लाइन में लगकर इंडिगो कर्मचारियों से बार-बार सवाल पूछ रही है कि वह अब क्या करें, लेकिन उनके सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है। वह इंडिगो के हेल्पलाइन पर पिछले तीन दिनों से संपर्क कर रही है, लेकिन वह भी ब्लाक हो चुकी है। वहां से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है।

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