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    डॉक्टरों के लिए काम के घंटे तय न होने पर IMA ने जताई चिंता, पढ़िए क्या है मुख्य मांगे?

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 09:38 PM (IST)

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों के लिए काम के घंटे तय न होने पर चिंता जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार से हेल्थकेयर सेक्टर में पायलटों की तरह स ...और पढ़ें

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    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टरों के लिए काम के घंटे तय न होने पर चिंता जताई है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े मेडिकल संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश में डॉक्टरों के लिए रेगुलर और रेगुलर काम के घंटे न होने पर गहरी चिंता जताई है और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट बताया है। IMA ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर हेल्थकेयर सेक्टर में पायलटों के लिए बनाए गए नियमों जैसे सख्त नियम बनाने की मांग की है, क्योंकि यहां ज़िंदगी और मौत दांव पर लगी है।

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    चिंता जताते हुए IMA के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. दिलीप भानुशाली ने मौजूदा हालात को मरीज़ों और डॉक्टरों दोनों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाला बताया। उन्होंने कहा कि जैसे एविएशन सेक्टर में थकान को एक बड़ा सुरक्षा रिस्क माना जाता है, वैसे ही हेल्थकेयर सेक्टर में भी यह कम बड़ा खतरा नहीं है।

    IMA के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. दिलीप भानुशाली और ऑनरेरी जनरल सेक्रेटरी डॉ. सरबरी दत्ता ने कहा कि देश भर में रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट बिना आराम के लगातार 24 से 48 घंटे काम करने को मजबूर हैं। इसे "समर्पण" या "बलिदान" कहकर नॉर्मल बनाना मंज़ूर नहीं है और खतरनाक है।

    आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुई घटना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय तक काम करने, सुरक्षा उपायों की अनदेखी और थकान ने डॉक्टरों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से बहुत कमज़ोर बना दिया है। इस घटना ने न सिर्फ देश का ध्यान खींचा, बल्कि मेडिकल सिस्टम की कमियों को लेकर कानूनी और आम लोगों की चिंता भी बढ़ा दी।

    उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 घंटे की ड्यूटी लिमिट, CCTV कैमरे और महिला डॉक्टरों के लिए अलग रेस्ट रूम जैसी सिफारिशें की थीं, लेकिन इन्हें अभी तक किसी भी लेवल पर लागू नहीं किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मरीज की सुरक्षा और डॉक्टर की सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई हैं।

    अगर पायलट की थकान एक रिस्क है, तो थके हुए डॉक्टर भी एक रिस्क हैं। उन्होंने सवाल किया कि नियम अलग क्यों हैं। IMA प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी ने केंद्र सरकार, नेशनल मेडिकल कमीशन और सभी अस्पतालों से डॉक्टरों और मरीज़ों दोनों की सुरक्षा पक्का करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की अपील की। 

    मुख्य मांगें

    • देश भर में लागू होने वाला एक सख्त ड्यूटी-आवर कानून बनाया जाना चाहिए।
    • एक मजबूत सिस्टम बनाया जाना चाहिए ताकि यह पक्का हो सके कि हर हाल में कानून का पालन हो।
    • डॉक्टरों को शिफ्ट के बीच जरूरी रेस्ट पीरियड दिया जाना चाहिए। 
    • अस्पतालों में पर्याप्त मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ नियुक्त किया जाना चाहिए।
    • सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मजबूत सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा उपाय स्थापित किए जाने चाहिए।