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    आईआईटी दिल्ली ने NGT को लिखा पत्र, एसटीपी में लगे यूवी डिसइंफेक्शन सिस्टम के मूल्यांकन के लिए मांगा डेटा

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 06:33 AM (IST)

    आईआईटी दिल्ली ने एनजीटी को पत्र लिखकर एसटीपी में लगे यूवी डिसइंफेक्शन सिस्टम के मूल्यांकन के लिए डेटा मांगा है। इस पहल का उद्देश्य सिस्टम की प्रभावशील ...और पढ़ें

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    IIT दिल्ली ने NGT को पत्र लिखकर मांगी जानकारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में लगाए गए यूवी डिसइंफेक्शन सिस्टम के मूल्यांकन के संबंध में विस्तृत प्रस्ताव दाखिल करने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के संबंध में आइआइटी दिल्ली ने एनजीटी को पत्र लिखा है।

    एनजीटी को लिखे गए पत्र में आइआइटी दिल्ली ने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव जमा करने के लिए उनकी विशेषज्ञ समिति को दिल्ली जल बोर्ड व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से कुछ जानकारी आवश्यकता है और इसे उपलब्ध कराने के लिए एक निर्देश जारी किया जाए।

    आइआइटी दिल्ली ने कहा कि एनजीटी ने 11 नंवबर और 26 नवंबर को एसटीपी में लगाए गए यूवी डिसइंफेक्शन सिस्टम के मूल्यांकन के संबंध में विस्तृत प्रस्ताव जमा करने के लिए कहा गया था।

    संक्रामक बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए यूवी डिसइंफेक्शन सिस्टम बहुत जरूरी हैं, क्योंकि ये सतहों, उपकरणों की सफाई करते हैं और खतरनाक माइक्रो-आर्गेनिज्म को खत्म करने के लिए जगहों को डीकंटेमिनेट करते हैं।

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    एनजीटी ने उक्त आदेश एक समाचार रिपोर्ट का संज्ञान लेकर मामले पर सुनवाई करते हुए दिया था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली के 75 प्रतिशत एसटीपी यमुना की बदबू से निपटने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं?

    अभी तक नहीं मिली अनुमति

    आइआइटी दिल्ली की विशेषज्ञ समिति द्वारा एसटीपी का निरीक्षण करने के संबंध में दिल्ली जल बोर्ड से अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिली है। यह भी कहा कि डीजेबी को प्रत्येक एसटीपी को संचालित करने के लिए जिम्मेदार नोडल अधिकारी को नामित करने के लिए कहा है, ताकि आइआइटी दिल्ली के साथ समन्वय किया जा सके।

    इसके अलावा डीपीसीसी और डीजेबी से डेटा उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है, लेकिन उक्त जानकारी भी अब तक नहीं मिल सकी है।

    आइआइटी दिल्ली ने एनजीटी से अनुरोध है कि इस बाबत लिखे गए पूर्व के पत्रों पर निर्देश दिया जाए। आइआइटी दिल्ली ने कहा कि तकनीकी और वैज्ञानिक रूप से मजबूत विशेषज्ञ राय तैयार करने के लिए डेटा और जानकारी उपलब्ध कराई जाए।