दिल्ली चिड़ियाघर में लापरवाही का सिलसिला जारी, अफ्रीकन हाथी के बाद अब एक और जानवर की मौत
दिल्ली चिड़ियाघर में 11 वर्षीय मादा लकड़बग्घे की संदिग्ध मौत हो गई। वह अपनी मांद में मृत पाई गई। कर्मचारियों ने चिड़ियाघर के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिसमें मांद में पानी भरने की बात कही गई है। निदेशक ने आरोपों का खंडन किया है। चिड़ियाघर बर्ड फ्लू के कारण 30 अक्टूबर तक बंद है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

दिल्ली चिड़ियाघर में लापरवाही का सिलसिला जारी, अफ्रीकन हाथी के बाद अब एक और जानवर की मौत
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकन हाथी शंकर के बाद एक 11 वर्षीय मादा लकड़बग्घे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। बुधवार सुबह उसे उसकी मांद (पशुओं के रहने का बिल) के अंदर मृत पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।
दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया बुधवार सुबह माता लकड़बग्घा मृत मिली। मौत का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है। अब चिड़ियाघर में केवल दो लकड़बग्घे एक नर और एक मादा बचे हैं।
वहीं, एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर आरोप लगाया कि मादा लकड़बग्घा ने अपने रहने की जगह के पास मिट्टी खोद-खोदकर एक मांद सा बना लिया था। पिछले तीन-चार दिनों से वो उसी मांद के अंदर थी और बाहर नहीं निकली रही थी, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया।
वहां, कार्यरत कर्मचारियों का आरोप है कि चिड़ियाघर के एक हेडकीपर और बीच इंचार्ज ने उस मांद में पानी भरवा दिया। जिस वजह से मादा लकड़बग्घे की मौत हुई होगी। कर्मचारियों ने बताया कि सभी को मौत का तब पता चला जब उसके शव के आसपास मक्खियां और दुर्गंध फैलने लगीं।
कर्मचारियों के आरोप को लेकर चिड़ियाघर निदेशक ने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली चिड़ियाघर 30 अगस्त से बर्ड फ्लू के कारण आगंतुकों के लिए बंद है। हालांकि दो सितंबर के बाद से कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन जांच जारी रहने के कारण इसे कम से कम 30 अक्टूबर तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
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