CLAT PG में प्रवेश के लिए ज्यादा फीस लेने के खिलाफ याचिका पर हाई काेर्ट ने केंद्र सरकार समेत अन्य पक्षों से मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने Common Law Admission Test (CLAT) PG प्रवेश के लिए 50,000 रुपये से अधिक की फीस लेने के खिलाफ दायर याचिका पर NLU कंसोर्टियम, बार काउ ...और पढ़ें

सभी पक्षों से हलफनामा जमा कराने को कहा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: Common Law Admission Test (CLAT) PG प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों से 50 हजार से ज्यादा फीस लेने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कंसोर्टयिम ऑफ नेशनल लाॅ यूनिर्वसटीज (NLU) समेत अन्य पक्षकारों से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने एनएलयू कंसोर्टियम, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
हालांकि, पीठ ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा कि प्रक्रिया चल रही है और एक उम्मीदवार के लिए पूरी प्रक्रिया को बाधित नहीं किया जा सकता।
याचिका में कहा- मनमाना और अत्यधिक शुल्क लगाया जा रहा
474वीं रैंक हासिल करने वाले याचिकाकर्ता जतिन श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि उम्मीदवारों की खर्च वहन करने की उपयुक्तता की जांच किए बिना ही मनमाना और अत्यधिक शुल्क लगाया जा रहा है।
याचिका के अनुसार प्रक्रिया में भाग लेने के लिए काउंसलिंग शुल्क के रूप में 30 तीस हजार रुपये की राशि का अनिवार्य भुगतान करना अनिवार्य है।
हर बार सीट कंफर्म करने को देने होते हैं 20-20 हजार रुपये
इसके अलावा उम्मीदवार को काउंसलिंग के प्रत्येक दौर में सीट कन्फर्म करने के लिए 20 हजार रुपये और काउंसलिंग प्रक्रिया में अपना विकल्प फ्रीज करने के लिए समान राशि का भुगतान करना होता है।
उन्होंने कहा कि नियम के तहत हर बार सीट कंफर्म करने के लिए उन्हें 20-20 हजार रुपये देने पड़ते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि इतनी फीस वसूलना न केवल भेदभावपूर्ण और असंगत है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इतनी फीस देना संभव नहीं है।

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