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    हरमीत सिंह कालका दोबारा बने डीएसजीएमसी अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल बादल के सदस्यों ने किया चुनाव का बहिष्कार

    By SANTOSH KUMAR SINGHEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 26 Jun 2025 07:46 AM (IST)

    हरमीत सिंह कालका को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) का फिर से अध्यक्ष चुना गया है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के बहिष्कार के कारण, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट ने लगातार दूसरी बार कार्यकारिणी चुनाव जीता, जिसमें सभी पांच पदाधिकारी और 10 सदस्य निर्विरोध चुने गए।   

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    दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह कहलों व अन्य। 

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरमीत सिंह कालका फिर से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) के सदस्यों ने कार्यकारिणी चुनाव का बहिष्कार किया। उनकी अनुपस्थिति में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट ने लगातार दूसरी बार डीएसजीएमसी की कार्यकारिणी चुनाव में जीत प्राप्त की। सभी पांच पदाधिकारी व कार्यकारिणी के 10 सदस्य निर्विरोध चुने गए।

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    गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित डीएसजीएमसी कार्यालय में कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। कालका को फिर से अध्यक्ष, जगदीप सिंह काहलों को महासचिव, हरविंदर सिंह केपी को उपाध्यक्ष, आत्मा सिंह लुबाना को कनिष्ठ उपाध्यक्ष और जसमेन सिंह नोनी को संयुक्त सचिव चुना गया। साथ ही अमरजीत सिंह पिंकी, अमरजीत सिंह पप्पू, रंजीत कौर, सरबजीत सिंह विर्क, बलबीर सिंह विवेक विहार, जसबीर सिंह जस्सी, गुरमीत सिंह भाटिया, सुरजीत सिंह जीती, रमिंदर सिंह स्वीटा और भूपिंदर सिंह भुल्लर को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है।

    कुल 38 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया। शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, वरिष्ठ नेता मनजीत सिंह जीके सहित अन्य 12 सदस्यों ने इसका बहिष्कार किया। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट के सदस्य विक्रम सिंह रोहिणी भी किसी कारणवश चुनाव में शामिल नहीं हो सके। डीएसजीएमसी में कुल 55सदस्य होते हैं जिसमें से चार तख्तों के जत्थेदार को मतदान का अधिकार नहीं होता है। इस तरह से 51 सदस्य कार्य़कारिणी के चुनाव में मतदान करते हैं।

    शिअद बादल के एक सदस्य के निधन होने से 50 सदस्य हैं। चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें पिछली कार्यकारिणी की सभी उप समितियों को भंग करने का निर्णय लिया गया। उप समितियों के पुनर्गठन होने तक इनके सभी अधिकार अध्यक्ष और महासचिव के पास रहेगा। कालका ने कहा, संगत के सहयोग से उनकी टीम ने गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य शुरू किए हैं उन्हें और आगे बढ़ाया जाएगा।

    बाला साहिब अस्पताल में बिस्तर की संख्या बढ़ाने के साथ ही जांच व अन्य सुविधाएओं का विस्तार किया जाएगा। वहीं, सरना व जीके ने कार्यकारिणी चुनाव को अवैध बताया। कहा, यह दिल्ली सरकार के संरक्षण में किया गया है। यह चुनाव पंथ की सेवा के लिए नहीं बल्कि सरकारी को नियंत्रण को मजबूत करने की साजिश है।