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    Hapur Pollution: बेहद खराब श्रेणी में चल रहा वायु प्रदूषण, सांस लेने में भी हो रही परेशानी

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 09:27 PM (IST)

    हापुड़ जिले में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 दर्ज किया गया। चिकित्सकों ने क्रानिक आब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी बीमारियों के बढ़ने की आशंका जताई है और प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनने की सलाह दी है।

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    हापुड़ में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। जिले में प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी से नीचे नहीं पहुंच रही है। इस कारण लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बावजूद इसके कोई कदम न उठाना, अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। रविवार को जिले का अधिकतम एक्यूआइ 381 दर्ज हुआ है। जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, दोपहर के बाद प्रदूषण का स्तर कुछ घटना शुरू हो गया था, लेकिन वह भी सांस लेने योग्य नहीं था। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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    प्रदूषण का स्तर जिले में लगातार खराब और बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। प्रतिदिन अस्पतालों में 100 से अधिक सांस, गले में खराब और चर्म रोग के मरीज पहुंच रहे हैं। प्रदूषण का स्तर बच्चों में भी साफ दिखाई दे रहा है। लगभग एक माह से खराब हालात के चलते लोगों को आर्थिक तौर पर भी नुकसान पहुंच रहा है। रविवार की देर शाम को वायु प्रदूषण का अधिकतम स्तर 381 दर्ज हुआ।

    लगातार प्रदूषण का स्तर खराब रहने से भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है। अधिकारियों की इसी तरह लापरवाही जारी रही तो प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर रहेगा। सबसे अधिक परेशानी सांस के मरीजों की बढ़ेगी। इसी के साथ चर्म रोग और गले में खराश की समस्या भी लोगों में पैर पसार जाएगी।

    फिजीशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण क्रानिक आब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) घातक रोग बनता जा रहा है। इस रोग के मरीजों की अस्पतालों में संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। सीओपीडी वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण भी हो रहा है। प्रदूषण से बचाव के लिए लोग मास्क पहनकर ही घरों से बाहर निकलें।

    आंख, सांस और चर्म रोग के बढ़े मरीज

    प्रदूषण के कारण आंख, गले में खराश, सांस और चर्म रोग के मरीजों की संख्या लगातार अस्पतालों में बढ़ रही है। प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने के कारण इस सप्ताह फिर से डेढ़ गुना तक मरीजों की बढ़ी है। रविवार को छुट्टी होने के बाद भी सीएचसी में आपातकालीन कक्ष में सुबह ऐसे मरीज पहुंचने शुरू हो गए थे। इनसे पीड़ित मरीजों को तत्काल दवाई उपलब्ध कराई गई।

    प्रदूषण से बचाव के लिए उपाय

    - घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें।
    - एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
    - इंडोर पौधे लगाए।