AC कोच की तरह General कोच के टॉयलेट भी होंगे चकाचक, 10 मिनट में साफ हो जाएगी पूरी रेलगाड़ी
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों की सफाई को बेहतर बनाने के लिए क्लीन ट्रेन स्टेशन (सीटीएस) योजना शुरू की है। अब यह सुविधा आरक्षित के साथ-साथ जनरल कोच में भी मिलेगी। आधुनिक मशीनों से केवल 10 मिनट में पूरी ट्रेन की सफाई की जाएगी, जिसमें शौचालयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पहले चरण में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सफल मॉडल को पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन सहित 20 अन्य स्टेशनों पर लागू किया जा रहा है। इस योजना से सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ेगी और उन्हें बेहतर उपकरण मिलेंगे, जिससे यात्रियों को स्वच्छ यात्रा अनुभव मिलेगा।

फाइल फोटो
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। यात्रा के दौरान ट्रेन को साफ रखना बड़ी चुनौती है। सबसे अधिक समस्या लंबी दूरी की ट्रेनों में होती है। इसे ध्यान में रखकर क्लीन ट्रेन स्टेशन (सीटीएस) योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत बीच रास्ते में बड़े स्टेशन पर ट्रेन की मशीन से सफाई होती है। शौचालय की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
अभी तक यह सुविधा सिर्फ आरक्षित कोच में उपलब्ध थी। अब जनरल कोच में यात्रा करने वालों को भी यह सुविधा मिलेगी। आधुनिक मशीन से 10 मिनट में पूरी ट्रेन की सफाई होगी। इंटरनेट मीडिया से लेकर यात्री रेल मदद एप पर सफाई को लेकर शिकायत करते हैं।
मदद एप पर मिलने वाली कुल शिकायतों में लगभग20 प्रतिशत सफाई से संबंधित होती हैं। इसके समाधान के लिए ट्रेनों में कर्मचारी तैनात कर सफाई (ओबीएचएस) की व्यवस्था की गई है। साथ ही सीटीएस में शामिल स्टेशनों पर नामित ट्रेनों की मशीन से सफाई की जाती है।
इसे और प्रभावी बनाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की सीटीएस माडल को अन्य स्टेशनों पर लागू करने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन सहित देश के 20 स्टेशनों पर यह इसे लागू किया जा रहा है।
इन स्टेशनों पर 10 मिनट से अधिक ठहराव वाले 683 ट्रेनों की सफाई होगी। इन 20 नामित स्टेशनों के साथ ही नई दिल्ली, लखनऊ सहित उत्तर रेलवे के सभी सीटीएस स्टेशनों पर यह सुविधा मिलेगी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हीमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, इस योजना के लिए अब अधिक सफाई कर्मी तैनात होंगे। जनरल कोच को भी शामिल किया गया है।
चार शौचालय के लिए दो सफाईकर्मी
सबसे अधिक शिकायत शौचालय, वाश बेसिन, कूड़ेदान और उसके आसपास गंदगी की शिकायत रहती है, इसलिए इनकी सफाई पर विशेष ध्यान। दो सफाई कर्मियों को साथ लगते दो कोच के चार शौचालय, वाश बेसिन साफ करने की जिम्मेदारी होगी।
कूड़ेदान से कचरा एकत्र करेंगे और शौचालय व उसके बाहरी हिस्से के फर्श को मशीन से सफाई करेंगे। निर्धारित समय में बेहतर तरीके से सफाई करने के लिए कर्मियों को बैटरी से चलने वाली बैक पैक जेट क्लीनिंग मशीन मिलेगी जिसमें 10-15 लीटर क्षमता की पानी की टंकी होगी।
इससे बिजली और पानी के कनेक्शन बनाने में लगने वाला अतिरिक्त समय बच जाएगा। सफाई कर्मियों की वर्दी में बदलाव कर उसे सफाई से संबंधित उपकरण व रसायन रखने के अनुकूल बनाया गया है।
बैटरी चलित पोर्टेबल वैक्यूम क्लीनर, पोछा लगाने के लिए आधुनिक मशीन भी उनके पास होगी। 10 मिनट में ही प्रत्येक कोच में पानी भी भर लिया जाएगा।
इस योजना में शामिल रेलवे स्टेशन
जोन-शामिल स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे- बरकाकाना, पटना व पाटलिपुत्र पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे- बदरपुर, लामडिंग उत्तर रेलवे-वाराणसी, बठिंडा, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन।
सहारनपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे- छिंदवाड़ा उस्लापुर दक्षिण मध्य रेलवे-कांचीगुडा दक्षिण पूर्व रेलवे-रांची दक्षिण रेलवे-चेन्नई एषुंबूर पश्चिम मध्य रेलवे-भोपाल, गुना, जबलपुर, कटनी मुड़वारा, कोटा
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