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    भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को मिलेगा वैश्विक मंच, दिल्ली में होगा दूसरे ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा समिट का आयोजन

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 06:10 AM (IST)

    दिल्ली में दूसरे ग्लोबल पारंपरिक चिकित्सा समिट का आयोजन किया जाएगा, जहाँ भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच मिलेगा। इस समिट में पारंपरिक च ...और पढ़ें

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    केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर विस्तार का अवसर मिलने जा रहा है। राजधानी दिल्ली इस बार इसकी मेजबानी करेगी। दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और भारत सरकार की तरफ से पांरपरिक चिकित्सा पद्धति पर दूसरे ग्लोबल समिट का आयोजन भारत मंडपम में होने जा रहा है।

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    17 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इसकी शुरुआत करेंगे। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस समिट का समापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। इस समिट में 110 देशों के प्रतिनिधि और 20 देशों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे।

    दुनिया व्यक्ति केंद्रित स्वास्थ्य माडल की तरफ देख रही है 

    दैनिक जागरण से बातचीत में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि दुनिया आज संतुलित, रोकथाम आधारित और व्यक्ति केंद्रित स्वास्थ्य माडल की तरफ देख रही है। इसी सोच के साथ 2022 में डब्ल्यूएचओ में वैश्विक पारंपरिक मेडिसीन सेंटर की शुरुआत हुई थी। पहला समिट गुजरात में साल 2023 में हुआ था।

    इसमें 2025 से 2034 के लिए नई रणनीति तैयार करने पर सहमति बनी थी। प्रतापराव जाधव ने कहा कि दिल्ली में दूसरे समिट का आयोजन भारत पर विश्व के विश्वास को दर्शाता है। यह आयोजन पांरपरिक को मुख्यधारा में लाने के वैश्विक प्रयासों में से एक और मील का पत्थर साबित होगा।

    कई देशों के प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद

    इस समिट में कई देशों के नीति निर्माता, विज्ञानी और शोधकर्ताओं की मौजूदगी में पारंपरिक चिकित्सा के विस्तार की रणनीति तैयार होगी। आयुष मंत्री ने बताया कि इसमें एक सेशन अश्वगंधा को लेकर रहेगा। इसमें अश्वगंधा औषधी के महत्व और आज के समय में इसके उपयोग पर जोर दिया जाएगा। पारंपरिक और आधुनिक विज्ञान के बीच पुल है।

    दिल्ली में आयोजन के पीछे उद्देश्य के सवाल पर प्रतापराव जाधव ने बताया कि चूंकि इसमें कई देशों के प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। उनकी सहूलियत और सुरक्षा के दृष्टि से दिल्ली का चयन किया गया है। बता दें कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद, योग के साथ यूनानी, होम्योपैथी आदि प्रणालियां शामिल हैं।