कम मरीजों वाले इलाकों में भू-स्थानिक मानचित्रण कराएगी सरकार
दिल्ली में कम कोरोना केस वाले इलाकों की मैपिंग करने के लिए सरकार भू-स्थानिक मानचित्रण तैयार करेगी। जिससे उन इलाकों को चिह्नित किया जाएगा जो क्लस्टर तो नहीं हैं मगर वहा से इक्का-दुक्का कोरोना केस आए हैं और स्त्रोत का पता नहीं चल सका है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
दिल्ली में कम कोरोना केस वाले इलाकों की मैपिंग करने के लिए सरकार भू-स्थानिक मानचित्रण तैयार करेगी। जिससे उन इलाकों को चिह्नित किया जाएगा जो क्लस्टर तो नहीं हैं मगर वहा से इक्का-दुक्का कोरोना केस आए हैं और स्त्रोत का पता नहीं चल सका है। सरकार इसके लिए अपने ही अंतर्गत आने वाली भू-स्थानिक दिल्ली लिमिटेड (जीएसडीएल) कंपनी की मदद ले रही है।
क्या है भू-स्थानिक मानचित्रण
भू-स्थानिक मानचित्रण एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो कि आरोग्य सेतु एप व इतिहास एप के साथ जुड़ा है। यह दिल्ली की मानचित्रण (मैपिंग) करने में सक्षम है। कोरोना काल में यह तीसरा मौका है जब सरकार कोरोना केस वाले इलाकों की मैपिंग के लिए इसका प्रयोग कर रही है। इससे जिलाधिकारियों को अपने इलाके में ऐसे आइसोलेटेड कोरोना केस वाले इलाके में विशेष निगरानी समूह बनाकर संक्रमण को आगे फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
कौन से हैं आइसोलेटेड वाले इलाके
आइसोलेटेड केस वाले इलाके उसे कहते है जहा पर कोरोना के पिछले कुछ समय से एक्का-दुक्का केस आ रहे हैं। मगर वह क्लस्टर और कंटेनमेंट जोन नहीं है।
क्या है सरकार की रणनीति
दिल्ली सरकार ने बीते दिनों आदेश जारी किया था। दिल्ली में आइसोलेटेड केस वाले इलाकों में विशेष निगरानी रखी जाए। वहा रिस्क समूह को चिह्नित करके उनकी एंटीजन किट से कोरोना जाच की जाएगी।
सरकार ऐसी कॉलोनी, ब्लॉक या गली को चिह्नित करके वहा इलाके में विशेष निगरानी समूह बनाएगी। जिसमें प्रशासन की टीम के अलावा स्थानीय लोग शामिल होंगे। उनकी मदद से वहा हाई रिस्क समूह जैसे सब्जीवाले, ऑटो चालक, गंभीर रूप से बीमार, बुजुर्ग, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक व अन्य लोगों की पहचान की जाएगी। इसके बाद कैंप लगाकर सभी की कोरोना जाच होगी।