जीबी पंत अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण की तैयारी अंतिम चरण में, अंगदान क्षेत्र में होगी बड़ी सफलता
जीबी पंत अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण की तैयारी अंतिम चरण में है, जिससे हृदय रोगियों के लिए उम्मीद की किरण जगी है। अस्पताल में आयोजित अंगदान जागरूकता सत्र में, विशेषज्ञों ने अंगदान की प्रक्रिया और महत्व पर प्रकाश डाला। हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता के अनुभव ने लोगों को प्रेरित किया। अस्पताल भविष्य में और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा।

हृदय प्रत्यारोपण की तैयारी ने हृदय रोगियों के उपचार को लेकर उम्मीदें बढ़ा दी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट आफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जीबी पंत अस्पताल) में हृदय प्रत्यारोपण की तैयारी ने हृदय रोगियों के उपचार को लेकर उम्मीदें बढ़ा दी, अंगदान क्षेत्र में इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। यह जानकारी शनिवार को अस्पताल में आयोजित दूसरे अंगदान जागरूकता सत्र में दी गई।
इसमें कहा गया कि प्रमुख ट्रांसप्लांट और रिट्रीवल सेंटर के रूप में पहचान बना चुके अस्पताल में अब तक अनेक लिवर प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं। हृदय प्रत्यारोपण शुरू होने की तैयारी अंतिम चरण में है। इसे अस्पताल और दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
सत्र का उद्घाटन अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. एमए गीलानी ने किया। कार्यक्रम में नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (एनओटीटीओ) की प्रतिनिधि डा. शाइनी सुमन प्रधान, आर्गन इंडिया फाउंडेशन की सीईओ सुनैना तथा हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता राहुल प्रजापति विशेष अतिथि रहे। ट्रांसप्लांट कोआर्डिनेटर्स ने पूरे कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हृदय प्रत्यारोपण की दिशा में जारी तैयारियों का अपडेट साझा किया।
सत्र में दो प्रमुख व्याख्यान हुए, जिनमें एनओटीटीओ की प्रतिनिधि डा. शाइनी सुमन प्रधान ने अंगदान की प्रक्रिया, कानूनी प्रावधानों और मौजूदा चुनौतियों पर विस्तार से जानकारी दी। आर्गन इंडिया की सुनैना ने वास्तविक कहानियों के माध्यम से अंगदान के जीवनरक्षक महत्व को स्पष्ट किया।
हृदय प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता राहुल प्रजापति के अनुभवों ने उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया। प्रतिभागियों ने इंटरएक्टिव संवादों के माध्यम से अंगदान से जुड़े मिथकों को दूर किया गया। डा. एमए गीलानी ने कहा कि अंगदान मानवता की सर्वोच्च सेवा है। इस अवसर पर अस्पताल प्रबंधन ने भविष्य में और बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम करने की घोषणा की।

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